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बीकानेर। श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ श्रीसंघ द्वारा रांगड़ी चौक स्थित पौषधशाला में प्रवचनमाला के दौरान तीन तपस्वियों का अभिनंदन किया गया। संघ अध्यक्ष रिखबचंद सिरोहिया ने बताया कि सुधा भंसाली के 11 की तपस्या, आकांक्षा बैद व वैशाली कोचर के 8 की तपस्या पर अभिनंदन किया गया। तपस्वियों का अभिनंदन लीलम सिपानी, उत्तम भंडारी, किशोर कोचर, कुसुम बद्धाणी, अंजू कोचर व सरोज देवी बैद द्वारा किया गया। इससे पूर्व साध्वी सौम्यदर्शना ने स्वाध्याय की महत्ता बताते हुए कहा कि स्वयं का अध्ययन करना ही स्वाध्याय है। स्वयं के अध्ययन से तात्पर्य है कि हमें अध्ययन करना चाहिए कि मैं कौन हंू, कैसा जीवन जी रहे हैं। स्वाध्याय शब्द ही प्रेरणा से भरा है। मन यदि परेशान है तो स्वाध्याय अवश्य करें। हम स्वयं के बजाय दूसरे का स्वाध्याय करते हैं, अन्य लोग क्या कर रहे हैं उसके बारे में ज्यादा ध्यान देते हैं। साध्वी अक्षयदर्शना ने कहा कि सुख व खुशी शाश्वत नहीं है, परिवर्तन होना निश्चित है। संघ पूजा का लाभ सवाई सिंह कोचर व शांतिलाल भंसाली परिवार द्वारा तथा श्रीफल की प्रभावना राजू बैद परिवार द्वारा ली गई।

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