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जोधपुर जैसलमेर के रामदेवरा स्थित विश्व प्रसिद्ध लोक देवता बाबा रामदेव का मंदिर राजस्थान का पहला और देश का 58वां मंदिर बन गया है, जिसका प्रसाद घर बैठे श्रद्धालुओं तक पहुंच रहा है। इसकी शुरुआत गणतंत्र दिवस के अगले दिन 27 जनवरी को हो गई। अब तक 53 श्रद्धालुओं ने अपने घर पर स्पीड पोस्ट के जरिए बाबा का प्रसाद मंगवाया है। रामदेवरा मंदिर श्रद्धालुओं को बाबा रामदेव की ध्वजा, यंत्र और विभूति प्रसाद स्वरूप भेज रहा है। डाक विभाग की ओर से प्रदेश के अन्य मंदिरों के साथ भी एमओयू की वार्ता चल रही है। चूरू जिले में स्थित सालासर बालाजी और सीकर में खाटू श्याम जी मंदिर प्रशासन ने भी डाक विभाग के प्रस्ताव पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया है। संभवतः अगले महीने इन दोनों में से किसी एक मंदिर का प्रसाद भी घर बैठे मिलने लगेगा। रामदेवरा से प्रसाद मंगाने के लिए श्रद्धालुओं को नजदीकी डाकघर से ऑर्डर फॉर्म भरकर 251 रुपए जमा कराने होंगे। एक रिसिप्ट में विभूति के 10 पैकेट मंगाए जा सकते हैं। प्रति पैकेट 251 रुपए देने होंगे। ऑर्डर फॉर्म व विभूति का मूल्य प्राप्त होने के बाद जैसलमेर डाकघर रामदेवरा मंदिर को सूचित करता है। वहां से विभूति के पैकेट्स स्पीड पोस्ट के जरिए संबंधित श्रद्धालुओं के घर पर पहुंचते हैं।

राजस्थान के मंदिर नहीं ले रहे रुचि

डाक विभाग की इस योजना में मंदिर प्रशासन को ही आगे आना होता है। रामदेवरा के अलावा देश के 57 मंदिर अपना प्रसाद घर बैठे भेज रहे हैं, जबकि राजस्थान भी मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है,बावजूद इसके मंदिरों की ओर से रुचि नहीं लेने से अब तक केवल एक मंदिर का ही डाक विभाग के साथ घर बैठे प्रसाद भेजने का एमओयू हो गया है। सर्वाधिक दक्षिणी भारत के मंदिर है, जिनका प्रसाद हम घर बैठे मंगवा सकते हैं।

कर रहे प्रयास

हम प्रयास कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में राजस्थान के अन्य मंदिरों का प्रसाद भी श्रद्धालुओं को घर बैठे मिल सके।

सचिन किशोन,पोस्ट मास्टर जनरल, राजस्थान (पश्चिमी क्षेत्र)

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