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छतरगढ़,रबी फसल के पकाव तक पानी देने की मांग को लेकर रविवार को किसानों का महापड़ाव जारी रहा। महापड़ाव स्थल आरडी 620 हेड पर किसानों से समझाइश के लिए रविवार दोपहर को पहुंचे छत्तरगढ़ एसडीएम किसानों ने गहरा रोष जताया। इस मौके पर सैकड़ों किसानों ने संकल्प लिया कि किसी कीमत पर पानी लेकर ही घर जाएंगे। किसानों ने एसडीएम छत्तरगढ़ के माध्यम से

सरकार को दो टूक जवाब भी दिया कि पानी लिए वगेरह किसी प्रकार की कोई वार्ता नहीं करेंगे। वार्ता करनी है तो सरकार के प्रतिनिधि यहां आकर

बात कर सकते हैं। वहीं राज्य सरकार से यह भी आग्रह किया कि किसानों की मांग मुताबिक रबी फसल को पकाव तक पूरा सिंचाई पानी दिया

जाए। अगर सरकार किसानों के खेतों में खड़ी फसलों को पकाव की गारंटी देने की घोषणा करते हैं तो किसान सरकार का आभार जताकर घर लौट

जाएंगे। इधर महापड़ाव स्थल पर प्रशासन ने किसानों की भीड़ को देखते हुए भारी पुलिस जाब्ता तैनात कर रखा है। किसान नेता भूपराम भांभू ने कहा कि वर्ष 2004-06 तथा 2009-10 में पॉंग डेम में वर्तमान से जलस्तर कम होने के बावजूद जल संसाधन विभाग ने छह सात बारी पानी देने की बात कहीं। उन्होंने कहा प्रथम चरण के किसान को योजनाबद्ध तरीके से सरकार उजाड़ रही है। खरीफफ्सल सीजन में बिना • रेगुलेशन के पानी चलाया गया।

वहीं सरकार ने घड़साना समझोते को पूरी तरह लागू नहीं करते हुए रबी फ्सल के लिए पूरा पानी नहीं दे रही है। मदन गोदारा ने राज्य सरकार की किसानों प्रति मंशा पर संदेह जताया। महापड़ाव के दूसरे दिन रविवार को भीखाराम जाखड़, जगदीश, प्रदराम चेतराम, आदूराम आदि ने अपनी विचार रखे।

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