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बीकानेर,माणस तथा  अन्य कहानियां ” के लिए राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के सर्वोच्च मीरा पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार भवानी सिंह का जयपुर में देहावसान हो गया । 26 अगस्त 1955 को कोटपुतली में जन्मे भवानी सिंह कथाकार उपन्यासकार लघुकथाकार के रूप में विख्यात थे । एक गांव की मौत, एक एक कदम , खामोशी बोलती है, पथ बुनती पगडंडियां के सृजक भवानी सिंह की कविताएं ,लघु कथाएं तथा कहानियां देशभर की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित होकर पाठकों तक पहुंची । एक गांव की मौत कृति पर आपको अकादमी का रागेय राघव पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था । सोशल प्रोग्रेस सोसायटी के अध्यक्ष नदीम अहमद नदीम ने बताया कि भवानी सिंह के तमाम सृजन में समाज चिंतन और व्यवस्था परिवर्तन का मुद्दा हमेशा सर्वोपरि रहा । आपकी रचनाओं में समाज के उपेक्षित लोगों का स्वर सुनाई देता है। भवानी सिंह साहित्य के माध्यम से रचनात्मक बदलाव के प्रबल हिमायती थे। आप लंबे समय से बीमार थे । लेखन कार्य बीमारी के कारण बाधित था लेकिन देश के साहित्यकारों को पढ़ते रहते थे तथा संवाद बनाए थे ।भवानी सिंह के देहावसान पर नदीम अहमद नदीम, राजेंद्र जोशी , मुफ्ती सद्दाम हुसैन ,इसरार हसन कादरी, अब्दुल रऊफ राठोड़, इमरोज़ नदीम,अरमान नदीम ने उनको उत्कृष्ट साहित्यकार बताते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए ।

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