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बीकानेर,महाजन,साहित्य अकादमी की ओर से दिए जाने वाले प्रतिष्ठित अनुवाद पुरस्कार के लिए इस बार महाजन निवासी डॉ मदन गोपाल लढ़ा को चुना गया है। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के अन्तर्गत आने वाली केंद्रीय साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि साहित्य अकादमी की ओर से वर्ष 2022 के लिए राजस्थानी भाषा का अनुवाद पुरस्कार मदन गोपाल लढ़ा द्वारा अनूदित कृति अखूट तासळो पर दिया जाएगा। अखूट तासळो सुप्रसिद्ध गुजराती उपन्यासकार डॉ बिंदु भट्ट के बहुचर्चित गुजराती उपन्यास के अखेपातर का राजस्थानी अनुवाद है। यह पुस्तक साहित्य अकादमी के द्वारा वर्ष 2019 में प्रकाशित की गई थी। पुरस्कार के तहत पचास हजार रुपए की राशि और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। अकादमी की ओर जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस बार पुरस्कार निर्णायक समिति में प्रसिद्ध बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा, वरिष्ठ गद्यकार माधव नागदा और कवि रामेश्वर रामू भैया शामिल थे। लढा को साहित्य अकादमी पुरस्कार की घोषणा होने पर कस्बे सहित समीपवर्ती क्षेत्र के रचनाधर्मियों, साहित्य प्रेमियों और शिक्षा जगत के लोगों ने खुशी जताई है।

गौरतलब है कि मदन गोपाल लढ़ा राजस्थान की नई पीढ़ी के चर्चित लेखक हैं। उनकी राजस्थानी में बाल कथा संग्रह सपनै री सीख, दादीमा री लाडली, फाइव स्टार कहानी संग्रह च्यानण पख कविता संग्रह म्हारै पांती री चिंतावां, चीकणा दिन और अनुवाद विधा में तिणकला अर पांख्यां, अखूट तासळो प्रकाशित हो चुके हैं। हिंदी में डॉ लढ़ा के कविता संग्रह होना चाहता हूं जल, सुनो घग्घर कहानी संग्रह हरे रंग का मफलर बाल कथा संग्रह आंखों में आकाश तथा अनुवाद विधा में रक्त में घुली हुई भाषा प्रकाशित हो चुके हैं। इससे पूर्व उनको प्रेम जी प्रेम युवा सम्मान, किशोर कल्पनाकांत साहित्य सम्मान, रोटरी कथा पुरस्कार सहित अनेक मान सम्मान से नवाजा जा चुका है। नरेश मेहता की कविता पर भावनगर विश्वविद्यालय से शोध उपाधि प्राप्त डॉ मदन गोपाल लढ़ा वर्तमान में राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं।

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