जोधपुर तालिबान का इफेक्ट ही है। कि अफगानिस्तान न विश्वभर में केसर की आपूर्ति कमी की गई है। भारत में प्रमुख केसर उत्पादक कश्मीर में बारिश व बर्फबारी से फसल खराब हो गई है। शादी-विवाह के सीजन में केसर की बढ़ती मांग के कारण पिछले करीब 20 दिनों में एक ग्राम केसर के भाव दोगुने से भी ज्यादा हो गए है।
किलो प्रतिदिन हो रहा 5-10 केसर का व्यापार
100 रुपए बढ़ गए एक ग्राम पर
०१ लाख रुपए बढ़ गए 1 किलो पर
भारत आयातक के साथ निर्यातक भी
भारत केसर का बड़ा आयातक देश होने के साथ निर्यातक भी है। भारत में जहां अफगानिस्तान, ईरान आदि से केसर आती है। वहीं भारतीय केसर की अमरीका, अरब सहित अन्य देशों में मांग रहती है। भारत की केसर सुगन्ध व तरल पदार्थ में रंग छोड़ने के मामले में अन्य केसर से अच्छी मानी जाती है।
40 फीसदी फसल प्रभावित
कश्मीर के गुलमर्ग की घाटियों, पामपोर, श्रीनगर आदि उत्पादक क्षेत्रों में केसर की फसल प्रभावित हुई। गत वर्ष की तुलना में 40% उपज कम हुई। ईरानी केसर ₹175 तथा कश्मीरी ₹190 पर जा पहुंची। कश्मीर में औसतन केसर का उत्पादन 5 हजार मैट्रिक टन के करीब होता है, जबकि 10 हजार मैट्रिक टन घरेलू व निर्यात की खपत का अनुमान है।
अभी और बढ़ेंगे भाव
करीब 15-20 दिनों में केसर के भाव एक किलो पर एक लाख रुपए बढ़ गए हैं। आने वाले समय में और तेजी आ सकती है। एकांश माहेश्वरी, केसर व ड्राई फ्रूट के होलसेल व्यापारी
मांग-आपूर्ति में असंतुलन
केसर ने वापस तेजी पकड़ी है। मांग ज्यादा व सप्लाई कम होने से केसर के भाव बढ़े हैं। यहीं स्थिति रही तो आगामी दिनों में भी भाव बढ़ने की संभावना है।-लादूराम पारीक, केसर के थोक विक्रेता