बीकानेर,राज्य के एकमात्र आवासीय खेल विद्यालय, सादुल स्पोर्ट्स स्कूल के बाहर क्रीड़ा भारती के नेतृत्व में खिलाड़ियों द्वारा जारी भूख हड़ताल ने आज 16वें दिन में प्रवेश कर लिया है। 15 दिनों से चल रहे इस आंदोलन में अब तक शिक्षा विभाग और प्रशासन के साथ हुई सभी वार्ताएं असफल रही हैं। शिक्षा विभाग की अनदेखी और समस्या के समाधान में असमर्थता ने खिलाड़ियों और उनके समर्थकों के आक्रोश को और गहरा कर दिया है।
बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्षरत खिलाड़ी
सादुल स्पोर्ट्स स्कूल, जिसे प्रदेश की खेल प्रतिभाओं का आधार माना जाता है, वहां के छात्र बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं। खेल और शिक्षा के समन्वय का दावा करने वाली सरकार और शिक्षा विभाग की उदासीनता के कारण छात्रों को डाइट, खेल उपकरण, और अन्य आवश्यक सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। भूख हड़ताल पर बैठे खिलाड़ियों ने इसे सरकार और प्रशासन की बड़ी असफलता करार दिया है।
पूर्व खिलाड़ी ने सरकार पर साधा निशाना
पूर्व खिलाड़ी दानवीर सिंह भाटी ने शिक्षा विभाग पर तीखा प्रहार करते हुए कहा:
“यह अत्यंत शर्मनाक है कि खिलाड़ियों को अपने अधिकारों के लिए धरने पर बैठना पड़ रहा है। शिक्षा विभाग की अनदेखी और प्रशासन की निष्क्रियता ने साबित कर दिया है कि उन्हें प्रदेश की खेल प्रतिभाओं की कोई परवाह नहीं है। डाइट जैसी बुनियादी मांगों पर भी सुनवाई नहीं हो रही है। यह पूरी व्यवस्था की विफलता का प्रतीक है।”
खिलाड़ियों ने आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी
आंदोलन कर रहे पूर्व खिलाड़ी भैरूरतन ओझा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे।
“अगर सरकार और प्रशासन जल्द ही हमारी समस्याओं का समाधान नहीं करते हैं, तो आंदोलन को और व्यापक और उग्र रूप दिया जाएगा। हम अपने हक के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।”
सरकार और शिक्षा विभाग की चुप्पी पर सवाल
भूख हड़ताल के 15 दिन पूरे होने के बावजूद सरकार और शिक्षा विभाग की चुप्पी ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या वास्तव में प्रदेश की खेल प्रतिभाओं का विकास सरकार की प्राथमिकता है? यह स्थिति सरकार के उन दावों की पोल खोल रही है, जिसमें वे खेल और खिलाड़ियों के विकास का वादा करते हैं।
आंदोलन को मिल रहा जनसमर्थन
जैसे-जैसे आंदोलन लंबा खिंच रहा है, वैसे-वैसे इसे जनसमर्थन भी बढ़ रहा है। स्थानीय लोग, अभिभावक, और खेल से जुड़े संगठनों ने आंदोलन के प्रति अपना समर्थन जताया है।
मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन
क्रीड़ा भारती के दानवीर सिंह भाटी ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। अब यह देखना होगा कि शिक्षा विभाग और सरकार कब तक इस आंदोलन की अनदेखी करते हैं।
सरकार को खेल प्रतिभाओं की उपेक्षा का रवैया तुरंत बदलना होगा। अन्यथा, यह आंदोलन सरकार के लिए गंभीर राजनीतिक और सामाजिक चुनौती बन सकता है।