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बीकानेर। रांगड़ी चौक स्थित पौषधशाला में साध्वी सौम्यदर्शना ने कहा कि पाप करने से बचना चाहिए। किसी भी क्रिया जाने या अनजाने में किया गया पाप हमारे कर्मबंधन का कारण बनता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति दो तरह की सोच रखता है या तो उसे पाप करने से डर लगता है या पाप करते हुए कोई देख ले उससे डर लगता है। पाप करने से डरना अच्छी बात है लेकिन यह सोच ले कि बुरा कार्य करते हुए कोई देख ले इस सोच को बदलना जरुरी है। गलत कार्यों की सजा हमें भवोभव तक भुगतनी पड़ती है। प्रवचन के दौरान मुख्य लाभार्थी मूलचंद पुष्पा देवी सुरेन्द्र जैन बद्धाणी परिवार द्वारा तपस्वियों का बहुमान किया गया। आज की संघपूजा का लाभ ज्ञानचंद बैद परिवार द्वारा लिया गया। शुक्रवार को साध्वी सौम्यप्रभा के सान्निध्य में पद्मावती माता का पूजन किया गया।

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