बीकानेर, जैन श्वेताम्बर पार्श्वचन्द्र सूरिश्वर गच्छ का पर्युशण पर्व के अनुश्ठान शनिवार को आसानियों के चौक के बड़े उपासरे में साध्वीश्री पद््म प्रभा के सान्निध्य में साध्वीश्री सुव्रताश्रीजी ने पर्युशण पर्व प्रवचन में मनुश्यों के प्रकार अभवि, दुरभवि,भवि, आसन्नसिद्ध व तदभवसिद्ध का वर्णन किया ।
उन्होंने सुयेश राजा के प्रसंग के माध्यम से कहा कि जप,तप, पौशध, अट््ठम तप आदि की साधना दृढ़ निश्चय, पूर्ण भाव भक्ति से करने पर निश्चत ही जीवात्मा का मोक्ष मार्ग प्रश्स्त होता है। सुयेश राजा को इंद्राणियों, उर्वशी व रंभा ने धर्म साधना की परीक्षा के लिए उन्हें पतीत करने की कोशिश की, लेकिन वे धर्म व संकल्प के प्रतिदृढ़ रहे। इसी प्रकार श्रावक-श्राविकाओं को भी दृढ़ संकल्प के साथ साधना, आराधना व भक्ति करनी चाहिए।
श्रीपार्श्वचन्द्रगच्छ सूरिश्वर संघ के मंत्री प्रताप रामपुरिया सहित उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं ने भगवान महावीर के जन्म कल्याणक की बोली लेने वाले राजेन्द्र कुमार रामपुरिया परिवार की तथा तपस्वी पूर्वी राखेचा के तप साधना की अनुमोदना की।