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बीकानेर, शिक्षा मंत्री डॉ. बी डी कल्ला ने सोमवार को उदयरामसर रोड स्थित मुरली मनोहर धोरे पर चल रहे गीता जयंती महोत्सव में शिरकत की I इस अवसर पर डॉ. कल्ला ने स्वामी रामसुखदास महाराज रचित साधक संजीवनी को संपूर्ण ग्रंथ बताया और कहा कि साधक संजीवनी स्वामी जी के प्रवचनों का संपूर्ण सार है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनके समय में धोरे पर होने वाली प्रातः कालीन प्रार्थना में उच्चारित किए जाने वाले गीता के श्लोक आज भी घर-घर गूंज रहे हैं । डॉ कल्ला ने स्वामी रामसुखदास महाराज के साथ बिताए क्षणों को सबके साथ साझा किया और स्वयं को भगवान के प्रति समर्पित करने की महाराज की वाणी का अनुसरण करने की सलाह दी। उन्होंने गीता के श्लोकों के साथ मीरा के भजनों की पंक्तियां भी सुनाई।
इससे पूर्व श्रीमद्भागवत गीता साधक संजीवनी पर नारायण महाराज ने सत्संग करते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ही सब के गुरु हैं और उनके उपदेशों का सार ही गीता है। गीता के नियमित पाठ से व्यवहार एवं परमार्थ दोनों तरह के कार्य सिद्ध हो जाते हैं। संत किशनदास महाराज ने स्वामी रामसुखदास महाराज के प्रवचनों पर आधारित सारगर्भित प्रसंगों की सरल व्याख्या की। संत श्याम सुंदर महाराज ने मीरा चरित्र पर प्रवचन करते हुए वृंदावन द्वारिका से जुड़े कई पौराणिक प्रसंगों के माध्यम से मीरा की ईश्वर भक्ति का संगीतमय विवेचन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि भगवान शंकर के बाद मीरा ही ऐसी भक्त थी की विषपान के बाद भी उनका कुछ नहीं बिगड़ा। महोत्सव के समापन समापन पर मंगलवार सुबह 11 बजे से गीता के सामूहिक पाठ का आयोजन रखा गया है। इस दौरान मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. राजकुमार शर्मा, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी सुनील बोड़ा, त्रिलोकी कल्ला आदि मौजूद रहे।

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