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बीकानेर: आप जिंदा हो और आपके पास आपके मरने का फोन और मैसेज आए तो चौकिया का नहीं। मगर ऐसा हो रहा हैः स्वास्थ्य विभाग और पीबीएम प्रशासन की गलती के कारण बीकानेर में जिंदा व्यक्ति को फोन कर मृत्यु प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय एवं पीबीएम प्रशासन की गलती का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है। कर्मचारियों की गलती से जिंदा व्यक्तियों का रिकॉर्ड कोरोना से मरने वालों में अंकित कर दिया गया है। जिससे अब जिंदा लोगों के पास मुआवजे के लिए फोन आ रहे हैं। पीड़ित व्यक्ति गुहार कर रहा है। की साहब मैं जिंदा हूं घर पर हूं और स्वस्थ हूं। लेकिन ना कोई सुनने को तैयार ना कोई मानने को तैयार नया शहर थाना क्षेत्र के एमएम ग्राउंड के पीछे रहने वाले रोहिताश पिछले साल कोरोना पॉजिटिव हो गया था। बाद में वह ठीक हो गया। अब नगर निगम की कोरोना सेल से उसके पास हर दिन फोन आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि रोहिताश का मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, एवं अन्य दस्तावेज जमा करवाएं। ताकि सर्वे सूची में शामिल कर मुआवजे की प्रक्रिया शुरू की जा सके। हकीकत मैं रोहिताश जिंदा है। वह अपने जिंदा होने का प्रमाण पत्र देकर थक चुका है। पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान नया शहर थाना क्षेत्र में एमएम ग्राउंड के पीछे रहने वाला रोहिताश (31) पुत्र राजेंद्र पुरोहित कोरोना संक्रमित हुआ। वह जाट धर्मशाला मैं क्वारंटाइन रहा। बाद में स्वस्थ होकर घर चला गया। वर्तमान में भी एकदम स्वस्थ है। वही दूसरी ओर वही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ: ओपी चाहर का कहना है पीबीएम प्रशासन की ओर से दिए गए डाटा में मोबाइल नंबर गलत होने से यह समस्या आ रही है। ऐसे दो तीन मामले पहले भी सामने आ चुके हैं अब सुधार करवा रहे हैं।

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