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बीकानेर,ग्रामीण सेवा शिविर एक सरकारी पहल है जो गांवों में लोगों को एक ही स्थान पर विभिन्न सरकारी योजनाओं और राजस्व कार्यों से जोड़ती है। इन शिविरों में राजस्व कार्यों जैसे पट्टे जारी करना, नामांतरण और जाति/मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाना शामिल है, साथ ही पेंशन, राशन कार्ड और अन्य कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित काम भी किए जाते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को घर के पास ही प्रशासनिक सेवाएं और सरकारी योजनाओं का लाभ मिले।

लेकिन सक्षम अधिकारियों के नहीं पहुंचने से यह शिविर फ्लॉप शो साबित हो रहे हैं।‌ शनिवार को दुलचासर और देराजसर ग्राम पंचायतों में ग्रामीण सेवा शिविर का आयोजन हुआ।‌ दोनों ही शिविरों में ना तो उपखंड अधिकारी पहुंचे और ना ही तहसीलदार राजस्व पहुंच पाएं। नतीजतन शिविर में लोगों के काम अटक गए। शिविर में खाता विभाजन, भूमि रूपांतरण, भूमि नामांतरण, भूमि परित्याग,खाता दुरुस्तीकरण जैसे काम नहीं हो पाए। दुलचासर गांव के बाबूलाल महिया ने बताया कि उन्हें भूमि परित्याग संबंधी कार्य करवाना था। इसके सभी कागजात पहले से तैयार करवा लिए। अपनी बहनों को भी बुलवा लिया। लेकिन उन्हें यह कहकर टरका दिया कि सोमवार को श्रीडूंगरगढ़ आकर काम करवा लें। इसी प्रकार देराजसर ग्राम पंचायत में गिरदावरी की गड़बड़ी की शिकायत लेकर पहुंचे किसानों को भी निराशा हाथ लगी।

*ग्रामीणों ने सौंपे ज्ञापन,मिला आश्वासन :-*

गोपालसर के ग्रामीणों ने अधूरे पड़े सीवरेज लाईन को पूरा करने, सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने की मांग की। दुलचासर गांव के ग्रामीणों द्वारा रेलवे अधिकारियों द्वारा खेतों की ओर जाने वाले मार्गों को बंद करने का मुद्दा उठाया गया। देराजसर के ग्रामीणों ने घर-घर कचरा संग्रहण सेवा शुरू करने,खेल मैदान पर रनिंग ट्रेक बनाने, अधूरा पड़ा प्रवेश द्वार पूरा करवाने की मांग की। लेकिन सक्षम अधिकारियों के नहीं पहुंचने से सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला। इन दिनों खेतों में फसल कटाई का काम चल रहा है। ऐसे में काम कराने के लिए बड़ी उम्मीदों से आए ग्रामीणों एवं किसानो को निराशा हाथ लगी।

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