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राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डाॅ शिव सिंह राठौड ने सूचना प्रौद्यौगिकी अनुभाग को वन टाइम रजिस्ट्रेशन कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।

सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी नवीन कुमार आनन्दकर ने बताया कि 29 दिसम्बर को आयोजित शिलान्यास समारोह के दौरान आयोग की और से डाॅ.. राठौड द्वारा प्रस्तुत की गई प्रजेंटेशन में भी इस प्रक्रिया का उल्लेख किया गया था। इसी क्रम में विभिन्न प्रक्रिया एवं तकनीकी पहलुओं पर आज आइटी सेल के अधिकारियों से चर्चा की गई। संभावना है कि सभी परीक्षणों के उपरांत इसे जनवरी माह तक लांच किया जा सकेगा। इसके साथ ही हाॅल ही में लांच किए गए अभ्यर्थी परिवेदना पोर्टल पर कार्य के प्रशिक्षण व समुचित मानिटरिंग कर प्राप्त परिवेदनाओं पर समयबद्ध कार्यवाही के दिशा- निर्देश भी आयोग अध्यक्ष द्वारा दिए गए।

*क्या है वन टाइम रजिस्ट्रेशन*
वन टाइम रजिस्ट्रेशन के माध्यम से अभ्यर्थी को एक ही बार प्रोफाइल डिटेल देनी होगी। इससे अलग-अलग भर्तीयों के लिए आवेदन करते समय अभ्यर्थी को पुनः नाम, योग्यता व अन्य वांछित जानकारियां देने की आवश्यक्ता नहीं रहेगी। आयोग द्वारा दिए गए यूनिक नंबर को दर्ज करने मात्र से अभ्यर्थी द्वारा प्रोफाइल में दर्ज विवरण का फार्म में स्वतः ही इन्द्राज हो जाएगा। प्रोफाइल को समय-समय पर अद्यतन करने की सुविधा भी रहेगी। इस सबंध में डाॅ..राठौड के मार्गदर्शन में आयोग के आईटी अनुभाग द्वारा कार्य किया जा रहा है।

*वन टाइम रजिस्ट्रेशन के लाभ*
1. अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन के समय नाम की वर्तनी, लिंग, जन्म दिनांक व अन्य मूल विवरणों में जो त्रुटिया हो जाती है उनकी संभावना कम होगी।
2 त्रुटियों के कारण होने वाले वाद व परिवेदनाओं में कमी आएगी।
3. आवेदन के समय अभ्यर्थी को मूल दस्तावेजों की बार-बार आवश्यक्ता नहीं पडेगी।
4. आवेदन को पूरा भर कर सब्मिट करने में लगने वाले समय में कमी आएगी।
5. दूर-दराज के क्षेत्रों में निवासरत अभ्यर्थियों को आवेदन में सहूलियत मिलेगी।
6. त्रुटि सुधार के लिए होने वाले अभ्यर्थी के व्यय को कम किया जा सकेगा।
7. राज्य सरकार की मंशानुरुप प्रक्रियाएँ समयबद्ध पूर्ण हो सकेगी।

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