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बीकानेर, सादुलगंज स्थित आयुष्मान हार्ट केयर सेन्टर में एक मरीज का रोटाट्रिप्सी से इलाज कर मरीज को राहत दी है। सेन्टर पर 84 वर्षीय बुजुर्ग मरीज की दाहिने साइड की नस ब्लॉक थी और उस पर भारी मात्रा में चूना जमा हुआ था। उसे एंजियोप्लास्टी से स्टंट डालना असंभव था। इस पर सेंटर की चिकित्सकीय टीम ने रोटाअब्लेशन किया एवं बचे चूने को शॉक वेव लिथोट्रिप्सी से बारीक टुकड़ों में चूने को तोड़ दिया। इन दोनों तकनीक को मिलाकर रोटाट्रिप्सी कहते है। (रोटाब्लेशन एंजियोप्लास्टी) इस तकनीक में डायमंड कोट वाली टिप वाले स्पेशल कैथेटर का इस्तेमाल किया जाता है जो कोरोनरी आर्टरी में जमे कैल्शियम को ड्रिल करता है।

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