बीकानेर,रोटरी क्लब बीकानेर के तत्वावधान में सातवां राज्य स्तरीय राजस्थानी भाषा समारोह आज गरिमापूर्ण सम्पन्न हुआ। राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति मदनगोपाल व्यास के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न इस समारोह की अध्यक्षता राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर के अध्यक्ष शिवराज छंगाणी ने की। समारोह के विशिष्ट अतिथि रोटरी क्लब के प्रान्तपाल राजेश चूरा थे।
समारोह में कला डूंगर कल्याणी राजस्थानी शिखर पुरस्कार नाहरसिंह जसोल (जोधपुर), खींवराज मुन्नीलाल सोनी राजस्थानी गद्य पुरस्कार शंकरसिंह राजपुरोहित (बीकानेर) को और ब्रज-उर्मी अग्रवाल राजस्थानी पद्य पुरस्कार राजूराम बिजारणिया (लूणकरणसर) को प्रदान किया गया। नाहरसिंह जसोल को मनमोहन कल्याणी और उनके परिवार के सदस्यों ने 51,000 रुपए की पुरस्कार राशि, प्रशस्ति-पत्र और श्रीफल भेंट किया। इसी प्रकार शंकरसिंह राजपुरोहित को श्रीगोपाल सोनी और उनके परिजनों ने 21,000 रुपए की पुरस्कार राशि, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र भेंट किया। इसी प्रकार राजूराम बिजारणिया को सुनील गुप्ता और अरुण प्रकाश गुप्ता ने पुरस्कार स्वरूप 11,000 रुपए की राशि, प्रशस्ति पत्र एवं श्रीफल भेंट किया। मुख्य अतिथि न्यायाधिपति मदन गोपाल व्यास ने कहा कि रोटरी क्लब एक अंतरराष्ट्रीय सेवा भावी संस्था होते हुए भी राजस्थानी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में आगे बढ़कर कार्य कर रही है। उन्होंने रोटरी क्लब के सभी सदस्यों को तन-मन-धन से जनसेवा करने के साथ अपने परिजनों की याद में कला-डूंगर कल्याणी शिखर पुरस्कार, खींवराज मुन्नीलाल सोनी गद्य पुरस्कार और ब्रज-उर्मी पद्य पुरस्कार की शुरुआत ही नहीं कि बल्कि लगातार देते रहना अपने आप में महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में सभी स्तर पर इसी प्रकार की संकल्पबद्ध होने की जरूरत है। उन्होंने रोटरी क्लब, परिसर में मोहनीदेवी आशाराम चूरा रोटरी राजस्थानी शोध संस्थान एवं बद्रीप्रसाद साकरिया राजस्थानी साहित्य दीर्घा का उद्घाटन और अवलोकन करने के बाद कहा कि इससे शोधार्थियों और नई पीढ़ी को राजस्थानी की प्रकाशित और अप्रकाशित शोधपूर्ण सामग्री का अध्ययन करने का अवसर मिल सकेगा। इसके लिए उन्होंने राजेश चूरा और साकरिया परिवार का आभार ज्ञापित किया।
राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर के अध्यक्ष शिवराज छंगाणी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि राजस्थानी भाषा की लोक संस्कृति ही हमारी समृद्ध संस्कृति, विरासत और परम्पराओं को अपनाए हुए है। ऐसे में हमारा यह दायित्व है कि नई पीढ़ी को इस भाषा को अपनाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि घर, परिवार और समाज में मातृभाषा के अधिकाधिक व्यवहार से ही हम राजस्थानी भाषा को समृद्ध बनो सकेंगे। जिससे हमारा अस्तित्व बना रह सके। उन्होंने रोटरी क्लब द्वारा राजस्थानी भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने की सराहना की। वरिष्ठ साहित्यकार शंकरसिंह राजपुरोहित ने अपनी पुरस्कृत कृति ‘मृत्यु रासो’ के लिए रोटरी क्लब को धन्यवाद दिया और ओजपूर्ण स्वर में राजस्थानी भाषा पर रचित अपनी कविता प्रस्तुत की, जिससे पूरा पांडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। राजूराम बिजारणिया ने अपने उद्गार प्रकट करते हुए ‘बेटी’ पर रचित अपना गीत प्रस्तुत कर दाद बटोरी। समारोह के प्रारम्भ में अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र के आगे दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम के संयोजक और पूर्व प्रान्तपाल अरुणप्रकाश गुप्ता ने क्लब द्वारा वर्ष 2016 में प्रारम्भ किए गए राज्य स्तरीय राजस्थानी भाषा समारोह का यह सातवां समारोह है और हमने कोरोना काल में भी इससे पूर्व हुए दो समारोह में सभी प्रविष्टियां लेने, निर्णायकों को भेजने और निर्णय लेने का कार्य पूर्ण पारदर्शिता से किया गया। हमारा संकल्प है कि इस समारोह के आयोजन से राजस्थानी भाषा के प्रति नई पीढ़ी का रुझान उत्पन्न हो, इसके लिए हमने कालेज स्तर पर प्रतियोगिताएं भी करवाई थीं। गुप्ता ने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं के मजबूत होने से ही राष्ट्रभाषा मजबूत होगी। रोटरी क्लब, बीकानेर के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने सभी अतिथियों एवं साहित्यकारों, पत्रकारों और गणमान्य जनों के प्रति आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, कलासन प्रकाशन और विकास प्रकाशन की पुस्तकों की ‘पोथी प्रदर्शनी’ लगाई गई, जिसमें प्रतिनिधि के रूप में अकादमी सचिव शरद केवलिया, अरविन्द व्यास एवं विकास पारीक उपस्थित थे।