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बीकानेर, निजी बसों से प्रतिस्पर्द्धा तथा किराया अधिक होने के कारण रोडवेज घाटे से नहीं ऊबर रही थी। इस वजह से कई मार्गों पर रोडवेज का संचालन बंद करने की नौबत आ गई थी। साथ ही दिसंबर और जनवरी में मलमास होने के कारण रोडवेज की आर्थिक स्थिति पतली थी। लेकिन जब से शादियों का सीजन शुरू हुआ है, रोडवेज बसों में यात्रियों की संख्या में इजाफा हो गया है। इससे रोडवेज को आशा की उम्मीद जगी है। हालांकि दिसंबर और जनवरी में मलमास होने के कारण राजस्व फायदा नहीं हो रहा था। लेकिन अब शादियों के सीजन की वजह से रोडवेज को प्रतिदिन फायदा हो रहा है। अगर यह फायदा निरंतर रहेगा, तो बीकानेर आगार कम घाटे में रहेगा। बीकानेर आगार की प्रबंधक इन्द्रा गोदारा ने बताया कि सावा होने के कारण प्रतिदिन साढ़े सोलह लाख रुपए की आय हो रही है। जबकि गत माह 13 लाख रुपए की आय हो रही थी। अगर आय इसी तरह रही, तो बीकानेर आगार अच्छा राजस्व हासिल कर सकेगा।

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