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बीकानेर,आज पूरे प्रदेश में दिपावली हर्षोल्लास के साथ मनाई जाने वाली है लेकिन रोडवेज कर्मचारी काली दिपावली मनाने को मजबूर हैं।आप द्वारा प्रदेश के बहुसंख्यक कर्मचारियों को बडी बडी सौगातें दी हैं जिनमें संविदाकर्मियों को नियमित करना,नई भर्तियां निकालना ओर कर्मचारियों को वैतन पैंन्शन के साथ साथ बोनस/एक्सग्रेसिया देना एवं बहुत बडा उपहार पुरानी पैंन्शन लागू करने ऐसी खुशी के माहोल में रोडवेज़ कर्मचारी हैं जो बोनस तो दूर की बात है वैतन ओर पैंन्शन नहीं मिलने की वजह से काली दीपावली मनाने को मजबूर हैं।शुबह 04 बजे घर से ड्यूटी पर जाने ओर शाम रात बच्चों के सोने के बाद घर पहुंचने वाले रोडवेज कर्मचारी दिपावली मनाने के लिए अपने घरवालों को देने के लिए सिर्फ आश्वासन लेकर जाने वाले हैं।

हम आपकी जानकारी में लाना चाहते हैं कि रोडवेज संयुक्त मोर्चे द्वारा 11 सूत्री मांपत्र जिसमें प्रमुख मांगें हर माह के प्रथम कार्यदिवस को वैतन पैंन्शन का भुगतान हो,सालभर से बकाया सेवानिवृत्त कर्मचारियों के परिलाभों का भुगतान हो तथा आगे के लिए समय पर भुगतान की स्थाई व्यवस्था हो ताकि हर महीने वैतन पैंन्शन के लिए तरसना नहीं पडे।सातवां वैतन आयोग राज्य कर्मचारियों की भांति जनवरी 2016 से लागू किया जावे, बस अड्डा प्राधिकरण रद्द किया जावे, नई गाडियों की खरीद हो,रिक्त पड़े पदों पर भर्ती हो आदि प्रमुख मांगों का निराकरण हो।
महोदय कर्मचारी सरकार के अंग होते हैं जो सरकार की जनहित की नीतियों को जनता में लागू करने की महत्वपूर्ण भूमिका के रूप में काम करते हैं लेकिन राजस्थान रोडवेज के कर्मचारियों द्वारा अपने ड्यूटी कर्तव्यों के साथ साथ प्रदेश में आपकी सरकार कायम करवाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है जिसके लिए रोडवेज कर्मचारियों द्वारा अपनी सीमाओं से परे जाकर भाजपा को हरवाने के लिए प्रचार ओर प्रसार में खुल्लकर भाग लिया था जिसका ऊदाहरण मिसाल के तौर पर कर्मचारी जगत में आज भी दिया जाता है।

हम आपकी जानकारी में लाना चाहते हैं कि रोडवेज कर्मचारी अपनी ड्यूटी 08 घंटे की जगह 12 से 16 घंटे करने के बाद भी समय पर अवकाश नहीं मिलने के कारण आराम नहीं कर पा रहा है।कोरोना काल जैसी महामारी के समय विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए आपके आदेशों की पालना में लाखों जरुरतमंद लोगों को गन्तव्य स्थानों पर पहुंचाने का कार्य किया है जब कि लोकपरिवहन व निजी वाहन संचालकों द्वारा अपने हाथ ऊपर कर दिये गये थे आपकी जनहित में जारी 52 प्रकार की रियायती एवं फ्री यात्रा को लोगों को राहत देने का कार्य बखूबी रोडवेज में शतप्रतिशत लागू है।आज राजस्थान रोडवेज की सस्ती ओर सुलभ परिवहन प्रदेश में ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेशों में भी सराहना की जाती है।आप स्वयं द्वारा भी राजस्थान रोडवेज को जनता की लाईफ लाईन करार दिया गया है।ऐसी स्थिति में रोडवेज कर्मचारियों को समय पर वैतन पैंन्शन नहीं मिलना प्रदेश की कांग्रेस सरकार का जनता में अच्छा संदेश नहीं जाता है।

हम आपकी जानकारी में राजस्थान रोडवेज में घाटे के प्रमुख कारणों को भी लाना चाहते है यही राजस्थान रोडवेज जो एक समय 1992-1993 में मुनाफा कमाने एवं बेहतर परिवहन सेवा के लिए प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में नंबर 1 पर रही है आज ऐसे क्या कारण हो गये हैं जिनकी वजह से बंद होने के कंगार पर खडी हो गई है——–
सबसे बडा कारण रोडवेज की दुर्दशा का सरकार के परिवहन विभाग की उपेक्षापूर्ण नीतीयों का रहा है परिवहन विभाग ने कभी भी रोडवेज विभाग को अपना विभाग ही नहीं माना है केवल निजी वाहनों के साथ तालमेल रखने में ही अपनी ड्यूटी समझी है जिसके कारण निजी वाहन मालिकों द्वारा मिलकर आज प्रदेश में बहुत बडा अवैधवाहन संचालक गिरोह का साम्राज्य खडा कर लिया गया है जो बिना परिवहन विभाग की मिलीभगत के संभव नहीं हो सकता है।अवैध वाहन संचालन के कारण आज रोडवेज की गाडियां खाली चलती हैं ओर निजी वाहनें आगे आगे यात्री भरकर चलती हैं निजी वाहनें प्रदेश में बिना परमिट के बेरोकटोक दौड रही हैं जिन्होने परमिट लिया है वो परमिट शर्तो का उलंघन कर रही हैं।जिम्मेदार परिवहन विभाग हो या पुलिस विभाग कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है।
दूसरा प्रमुख कारण है आंतरिक कुप्रबंधन जिसमें भ्रष्टाचार अपने चरम पर है कहने को तो निगम को स्वपोषित विभाग बताया जाता है लेकिन सरकार द्वारा 2 iAS, 4 RAS एवं 1 लेखाधिकारी लगाये गये हैं जिनके लाखों रुपये वैतन भत्तों का भार रोडवेज को ही वहन करना पडता है।रोडवेज का संचालन ईन्हीं अधिकारियों द्वारा अपने मनमाने तरीक़े से किया जाता है रोडवेज को प्रयोगशाला समझकर अपने अपरिपक्व ज्ञान के आधार पर बिना किसी जिम्मेदारी के संचालन करते आये हैं।लेकिन आज दिन तक ईन बडे अधिकारियों की कोई जिम्मेदारी तैय नहीं है अगर ईन की गलत संचालन की नीतीयों के कारण रोडवेज को घाटा उठाना पडता है तो ईन अधिकारियों की भी सरकार को जिम्मेदारी तैय करनी चाहिए।ताजा उदाहरण है अनुबंधित वाहन कंपनी की गाडियों द्वारा सेवाशर्तो का उल्लंघन करने के कारण निगम से हटा दी गई थी कंपनी द्वारा रोडवेज के खिलाफ कोर्ट से अरबों रुपये की क्लेम राशि पास करवाई गई है जिसका प्रमुख कारण रोडवेज अधिकारियों द्वारा कोर्ट में सही ढंग से पैरवी नहीं करना है या निजी कंपनी के साथ मिलीभगत करने से भी ईंन्कार नहीं किया जा सकता है।साथ ही राजस्थान रोडवेज में अनुबबंधित वाहनों को 07 रुपये की जगह 14-15 रुपये प्रति किलोमीटर ज्यादा दिया गया है जिससे रोडवेज पर करोडों रुपये का मासिक भार पड रहा है।आपसे न्याय की उम्मीद है कि रोडवेज के खिलाफ क्लेम का अगर भुगतान किया जाता है तो ईन्हीं बडे अधिकारियों जिनकी लापरवाही या मिलीभगत रही है उनसे वसूल कर भुगतान किया जावे।उच्च प्रशासन की तानाशाही कार्यशैली के चलते अधिकारी मालामाल हो रहे है ओर कर्मचारी बेहाल हो रहे हैं जिसका ताजा ऊदाहरण सीकर डीपो में देखा जा सकता है मुख्यप्रबंधक सीकर से कर्मचारियों की वाजिब मांगों के निराकरण के लिए गये संगठन के नेताओं के खिलाफ पुलिस में एफ आई आर दर्ज करवाई जाकर पांच नेताओं का निलंबन कर मुख्यालय दूरदराज के डीपों में कर दिया गया है दूसरे आगारों में भी बोलने वाले कर्मचारी नेताओं का स्थानांतरण किया गया है जिससे साबित होता है कि उच्च प्रशासन का खुल्ला संरक्षण प्राप्त है जिसकी वजह से राजस्थान रोडवेज में भ्रष्टाचार का खुल्ला तांडव मचा हुआ है।
अतः आप से हमें पूर्ण आशा है कि आप तमाम बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित करते हुए एवं आपके चुनाव घोषणा पत्र में लिखित प्रस्ताव को कल्याणकारी सरकार के मुखिया होने के नाते पूर्ण रूप से लागू कर रोडवेज कर्मचारियों के सामने आये आर्थिक संकट से निजात दिलवाने एवं जनता की परिवहन सुविधा रुपी राजस्थान रोडवेज को सुद्दढ करने में सरकार अपना फर्ज अवश्य पूरा करेगी।
रामदेवसिंहटाकरिया
प्रदेश उपाध्यक्ष
रोडवेज वर्कर्स यूनियन सीटू
9414141593.

सत्यवीरसिंह चौधरी
प्रदेश अध्यक्ष
रोडवेज वर्कर्स यूनियन सीटू

किशनसिं राठौड़
महामंत्री
रोडवेज वर्कर्स यूनियन सीटू।

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