बीकानेर,लघु उद्योग भारती बीकानेर ने राज्य की नई सरकार के मंत्रियों के समक्ष बीकानेर की अवरुद्ध औद्योगिक विकास स्थिति से अवगत करवाया। औद्योगिक विकास से जुड़ी समस्याएं और सुझाव रखे। लघु उद्योग भारती के शिष्ट मंडल में उपाध्यक्ष बालकिशन परिहार ,बीकानेर इकाई सचिव प्रकाश नवहाल ,उपाध्यक्ष राजेश गोयल ,खारा इकाई सचिव लाभूराम बिश्नोई ने उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री,राज्यवर्धन सिंह राठौड़, उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री के के विश्नोई,सहकार एवं नागरिक उड्डयन मंत्री गौतम कुमार दक से मिला और समस्याओ एवम् सुझावों पर विचार विमर्श किया। बीकानेर का औद्योगिक ठप्प पड़ा है। पिछली सरकार के कार्यकाल में उद्योग मंत्री एक बार भी बीकानेर नहीं आई। तीन मंत्रियों वाले बीकानेर संभाग मुख्यालय पर उद्योग विकास के नाम पर कोई नया काम नहीं हुआ। बीकानेर के समग्र विकास की बात उठाई गई कोई इसे सुनने को भी तैयार नहीं हुआ। औद्योगिक संगठनों की भूमिका भी विश्लेषण करने की है। लघु उद्योग भारती ने लंबित और आवश्यक मुद्दे राज्य सरकार के समक्ष रखे है। यह बीकानेर में औद्योगिक विकास का रोडमेप है। लघु उद्योग भारती ने मंत्रियों को बताया कि बीकानेर प्लास्टर ऑफ पेरिस, क्ले ,वूलन (यार्न एंड कारपेट), फूड इंडस्ट्री , दाल मिल, मुफली (तेल मिल एवं दाना मिल), पैकेजिंग इंडस्ट्री (पेपर एंड प्लास्टिक), गिट्टी (एग्रो वेस्ट ब्रिकेट), इंजीनियरिंग वर्क्स,सौरऊर्जा और विभिन्न प्रकार के विशिष्ट उत्पादो के निर्माण का प्रमुख केंद्र है।
बीकानेर के अधिकांश उद्योग सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों की श्रेणी में ही आते हैं। देश का सीमांत जिला होने के कारण तैयार माल का बाजार भी बहुत कम उपलब्ध होता है।
उद्योगों के विकास के आधारभूत संसाधनो का त्वरित विकास नहीं हो रहा है। समस्याएं यथावत है। जिले में बहुत सारे रीको इंडस्ट्रियल एरिया स्थापित हो चुके हैं।पिछले काफी समय से बीकानेर रिको में SRM का पद रिक्त पड़ा है, इस वजह से यहां का औद्योगिक रखरखाव ठप्प पड़ा है।
सभी इंडस्ट्रियल एरिया में नाली सफाई, सड़क एवं रोड लाइट की व्यवस्था नही हो रही हैं। कोटा की तर्ज पर बीकानेर में भी SRM के पद पर आईएएस की नियुक्ति की जाए ताकि औद्योगिक समस्याओं का निराकरण हो सके एवं औद्योगिक विकास हो सके।
. राज्य सरकार ने होटल को इंडस्ट्री का दर्जा दे दिया है परंतु रीको ने अपने अड़ियल रवैया की वजह से होटल व्यवसाय को इंडस्ट्री में नहीं माना है। होटल व्यवसाय को रीको में इंडस्ट्री का दर्जा दिया जाए। भूमि हस्तांतरण के अलावा रीको से हर छोटे काम के लिए एनओसी के प्रावधान को हटाए जाए।
.शहरी क्षेत्र से दूर औद्योगिक क्षेत्र में प्राथमिक चिकित्सालय एवं प्राथमिक विद्यालय के संचालन की व्यवस्था की जाए जिससे वहां पर रहने वाले श्रमिकों को आराम हो सके और श्रमिकों का पलायन रूक सके।
रीको औद्योगिक क्षेत्र में बचे हुए कमर्शियल प्लॉटों का शीघ्र आवंटन किया जाए जिससे वहां पर प्रगति हो सके। रीको औद्योगिक क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट और पार्कों का सौंदर्यकरण किया जाए जिससे वहां पर प्रदूषण कम हो पाए। रीको की हठधर्मिता और अनदेखी से परेशान होने पर उद्यमियों ने प्राइवेट इंडस्ट्रियल एरिया में अपने उद्यम स्थापित कर लिए हैं। उन उद्योगों का भी देश के विकास में पूरा योगदान है। वह लोग भी सरकार को टैक्स एवं रोजगार उपलब्ध कराते हैं ,परंतु इन प्राइवेट इंडस्ट्रियल एरिया में मूलभूत सेवा भी नहीं मिल पा रही है। श्रमिकों के लिए पीने के लिए पानी, सड़क नाली एवं रोड लाइट नहीं है।
उद्योगों में आये-दिन विद्युत कटौती होती रहती है इस वजह से बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है,कई बार विद्युत आपूर्ति पूरी तरह ठप्प हो जाती हैं। बीकानेर से खारा औद्योगिक क्षेत्र को जाने वाली सड़क पर अभी बाईपास तक 6 लेन का कार्य चल रहा हैं। इस सड़क को खारा इंडस्ट्रियल एरिया तक बढ़ाया जाये।
.बीकानेर से देश के प्रमुख शहरों (मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद एवं चेन्नई इत्यादि) के लिए हवाई सेवा सुचारू रूप शुरू की जाए जिससे यहां के उद्योगों का विकास हो सके। नयी उधोग नीति शीघ्र अतिशीघ्र लाने की कृपा करें ताकि राजस्थान का चौमुखी विकास हो सके। शिष्ट मंडल ने मंत्रियों के समक्ष वाजिब जरूरतें और समस्याएं रखी है। देखना है अब नई सरकार और सरकार के मंत्री कितनी गंभीरता दिखाते है।पे