बीकानेर,राजस्थान की सरदारशहर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए राष्ट्रिय लोकतान्त्रिक पार्टी ने वरिष्ठ समाज सेवी, चुरु जिला दुग्ध संघ के अध्यक्ष लालचंद मूंड को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।राष्ट्रिय लोकतान्त्रिक पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने इसकी घोषणा की है। लालचंद मूंड का मुकाबला कांग्रेस के अनिल शर्मा और भाजपा के अशोक पींचा से होगा।
जीत का ये है मंत्र
बता दें सरदारशहर उपचुनाव की सीट पर अपने प्रत्याशी को लेकर बीती 7 नवंबर को भी RLP ने चूरू में बीकानेर रोड पर स्थित एक होटल में पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक की थी। जिसमें चुनाव के बारे में चर्चा हुई थी। इस बैठक में उस वक्त सरस डेयरी के चेयरमैन लालचंद का नाम सर्वसम्मति से रखा गया था। तो आरएलपी के नेता संदीप बेदा ने भी कहा था कि उपचुनाव को लेकर पार्टी ने कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दे दिया है अब पार्टी पूरी तरह से इसके लिए तैयार है।
वोटों का गणित
दूसरी तरफ कम्युनिस्ट पार्टी माकंपा ने सरदारशहर उपचुनाव में सरदारशहर सरकारी कॉलेज के छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष सांवरलाल मेघवाल को उम्मीदवार घोषित किया है। बता दें कि सरदारशहर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक करीब 60 हजार जाट, 50 हजार एससी के जिनमें मेघवाल और नायक शामिल हैं। वहीं 15 हजार राजपूत, 20 हजार ब्राह्मण,15 हजार मुस्लिम समुदाय के वोटर्स हां हार जीत तय करेंगे।भंवर लाल शर्मा के निधन से खाली हुई सीट
आपकी जानकारी के लिए बता दें यह सीट भंवर लाल शर्मा के निधन से खाली हुई है। सरदारशहर सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान 5 दिसंबर को होना है। उपचुनाव के लिए नामांकन करने की आखिरी तारीख 17 नवंबर है जिसके बाद 8 दिसंबर को मतगणना होगी। इस उपचुनाव में सरदारशहर विधानसभा क्षेत्र के 2,89,579 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे जिसके लिए चुनाव आयोग ने कुल 295 मतदान केंद्र बनाए हैं।
इस तरह बैठ रहा है समीकरण
आपकी जानकारी के लिए बता दें सरदारशहर (चूरू) सीट पर लंबे समय से कांग्रेस का कब्जा रहा है और यहां से दिवंगत विधायक भंवर लाल शर्मा (77) का 9 अक्टूबर को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। शर्मा सरदारशहर से कुल 7 बार विधायक चुने गए थे। इसलिए अनिल शर्मा के साथ सहानुभूति की लहर है तो वहीं अशोक पिंचा सरदारशहर से एक बार के पूर्व विधायक रहे हैं और जैन समाज से आते हैं। इनके पक्ष में शहरी मतदाता वोट कर सकते हैं। 62 साल के पिंचा जनसंघ के जमाने से पार्टी और विचारधारा से जुड़े सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं।