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बीकानेर,जयपुर,राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों को आरजीएचएस के जरिए मेडिकल स्टोर से मिल रही दवाइयां अब बंद हो गई है। आरजीएचएस अधिकृत मेडिकल स्टोर संचालकों ने लंबे समय से भुगतान नहीं होने के कारण आरजीएचएस के जरिए दवाइयों की बिक्री को बंद कर दिया है। हालांकि विक्रेताओं ने जरूरी दवाइयों (किडनी, बीपी, हार्ट) की सप्लाई जारी रखी है, लेकिन वह भी 1 सप्ताह से ज्यादा की उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं।

अखिल राजस्थान आरजीएचएस अधिकृत दवा विक्रेता महासंघ की ओर से हाल ही में प्रदेशभर के 3500 से ज्यादा मेडिकल स्टोर संचालकों की एक बैठक बुलाई। इसमें दवाइयों की सप्लाई बंद करने का निर्णय किया गया। महासंघ की ओर से जयपुर में कॉर्डिनेट कर रहे सचिन गोयल ने बताया कि आरजीएचएस में सरकार अब न तो समय पर भुगतान कर रही है और न ही पोर्टल की कई खामियों को दूर कर रही है।

उन्होंने बताया कि एग्रीमेंट में उल्लेख किया था कि 21 दिन के अंदर बिलों का भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन सरकार और एजेंसी पेमेंट रेगुलर नहीं कर रही है। डेढ़ से दो महीने का समय बीत जाता है, लेकिन फिर भी भुगतान नहीं हो रहा है।

वित्त विभाग के सचिव को बकाया बिलों के भुगतान के लिए ज्ञापन सौंपते एसोसिएशन के सदस्य।
वित्त विभाग के सचिव को बकाया बिलों के भुगतान के लिए ज्ञापन सौंपते एसोसिएशन के सदस्य।
इसके अलावा पोर्टल के अंदर कई खामियां है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्रोडक्ट लिस्ट में केवल वही प्रोडक्ट रखे जाएं जो बाजार में दिया जाना है। कई प्रोडेक्ट सरकार की नेगेटिव लिस्ट में हैं, लेकिन उसे भी पोर्टल पर शो कर रखा है। इसको लेकर दूर-दराज के इलाकों में बैठे दवा विक्रेता परेशान होते हैं।

बिलों में हो रही है कटौती
विक्रेताओं ने बताया कि बिल पास करने वाली एजेंसी टीपीए से भी परेशानी है। टीपीए कई बिल बिना कोई कारण से रिजेक्ट कर देता है। वहीं कुछ ऐसी स्थिति भी बनती है कि कोई दवाई या इंजेक्शन 100 रुपए का है और टीपीए उसकी मंजूरी 30 या 40 रुपए ही कर रही है। इसको लेकर भी दवा विक्रेता काफी परेशान होते हैं।

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