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बीकानेर,शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने शाला क्रीड़ा संगम योजना के तहत हर एक सरकारी स्कूल को 10 से अधिक खेल खिलाने की जिम्मेदारी सौंपी है। जबकि अन्य स्कूलों में भी बेहतर मैदान और सुविधाएं हैं।खेलकूद के लिए एक स्कूल का चयन किया जाना चाहिए। माध्यमिक शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने ऐसे आदेश जारी किए हैं जिसमें चौंकाने वाली बात यह है कि उन्होंने बीकानेर संभाग के विभिन्न विद्यालयों को 7 खेलों की जिम्मेदारी सौंपी है, जबकि उदयपुर संभाग के अंतर्गत उदयपुर जिले के शासकीय फतह सी.एस.एस. स्कूल को 11 खेलकूद आयोजित करने का आदेश दिया। उदयपुर की तरह कोटा, चुरू, अजमेर और भरतपुर जिले के एकमात्र स्कूल को सभी खेलों का संचालन करने के लिए कहा गया है। जबकि अन्य स्कूलों को शाला क्रीड़ा संगम में शामिल करने की मांग की गई।

शिक्षा निदेशालय के राज्य में 9 संभाग हैं जो बीकानेर, भरतपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, जयपुर, उदयपुर, चुरू और पाली हैं। प्रत्येक डिवीजन को 10 से 12 खेलों का प्रबंधन करने के लिए सौंपा गया है। पूरे संभाग में औसतन तीन से चार जिले हैं, लेकिन बीकानेर निदेशालय ने एक सरकारी स्कूल को एक संभाग में खेलों का संचालन करने का निर्देश दिया है।

टीएसपी क्षेत्र के साथ शारीरिक शिक्षकों के आवेदन पर प्रतिबंध
निदेशक के लिखित आदेश के अनुसार इन खेलों को खिलाने के लिए शारीरिक शिक्षक की ड्यूटी लगाई जानी है, लेकिन यहां टीएसपी के अलावा अन्य शारीरिक शिक्षकों से ही ड्यूटी के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। आदेश में कहा गया है कि टीएसपी क्षेत्र में कार्यरत फिजिकल टीचर की पदस्थापना नहीं की जाएगी। आवेदन में इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। जबकि उदयपुर जिले में गिरवा, मावली, बडगांव जैसे क्षेत्रों को छोड़कर लगभग सभी पंचायत समितियां टीएसपी के अंतर्गत आती हैं। टीएसपी के कई शारीरिक शिक्षकों का कहना है कि शारीरिक शिक्षकों को काम पर नहीं रखने से टीएसपी के साथ भेदभाव किया गया।

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