बीकानेर,किये गये कार्य का सम्मान,और मांग कर टिकट लेना मैं उचित नहीं समझता l जबकि वो समस्त योग्यताये रखते हैँ जो सम्मानित व्यक्ति या एक विजयश्री प्रत्याशी में होने चाहिये l
मैं, पिछले 33 वर्ष से अनेक संस्थाओ से सामाजिक क्षेत्र में श्रमशक्ति व अन्य प्रकार से प्रसिद्ध गांधीवादी सर्वोदय चिंतक डॉ. एस एन सुब्बाराव से प्रेरित होकर सामाजिक सेवा से जुडा हुवा हूँ बीकानेर का ऐसा कोई भी सार्वजनिक स्थल नहीं हैँ जहाँ हमारी टीम ने श्रमशक्ति के माध्यम से पसीना नहीं बहाया हो, इसके अलावा समय समय पर विभिन्न सरकारी योजनाओं का जो समाज केआर्थिक रूप से कमजोर वर्गो को लाभ पहुंचाने के लिए लागु की गई हैँ घर घर सम्पर्क कर अधिक से अधिक लोगो को लाभ पहुंचाने का कार्य किया हैँ साथ हीं वेश्विक कोराना महामारी के पुरे कार्यकाल में कोई ऐसा दिन नहीं जो मैंने घर बैठकर बिताया अपने बीकानेर सेवा योजना के साथियो के साथ बीकानेर के प्रत्येक क्षेत्र में घर घर मास्क वितरण, आयुर्वेद विभाग के सहयोग से घर घर काढ़ा वितरण, घर घर, गली गली कोरियर मशीन से हैपोक्लोराइड का छिड़काव, सेनेटाइजर छिड़काव किया, स्वर्ण जातियों में आर्थिक रूप से कमजोर तबके को मिले 10% आरक्षण के लिए बीकानेर में निशुल्क EWS, मूल निवासी का शिविर लगाकर बीकानेर जिले के 7000 लोगो को प्रमाण पत्र बनवाकर दिए गये l किन्तु आज तक मैंने कभी सरकारी स्तर पर या किसी सामाजिक /स्वयंसेवी संस्थाओ को सम्मान हेतु आवेदन नहीं किया l बीकानेर शहरी परकोटे में वार्ड 58 में मेरा निवास हैँ मेरे पिताजी कर्मचारी, मजदूर, श्रमिक नेता थे तथा कांग्रेस के अग्रिम संगठन से उनका आत्मिक जुड़ाव रहा हैँ और बीकानेर हीं नहीं राजस्थान स्तर पर उनकी निडर, ईमानदार श्रमिक नेता की छवि थी श्री हरिनारायण व्यास जिन्हे लोग प्यार से हरीश जी भी कहाँ करते थे, तटपश्चात् इसी परिपाटी को आगे बढ़ाया मेरे बड़े भाई साहब इंटक नेता पंडित रमेश व्यास ने जो आज दिनांक को भी ऑल इण्डिया इंटक के संगठन मंत्री के साथ राजस्थान इंटक के सेकरेट्री जनरल पद पर लगातार 10 साल से पुरे राजस्थान में अपनी सेवाएं दें रहे हैँ, मेरे चाचाजी जो किसी परिचय के मोहताज नहीं विश्वनाथ महाराज से पूरा शहर इनको जानता था विशुद्ध रूप से काग्रेसी थे और जीवन पर्यन्त कांग्रेस की बिना कोई पद लिए सेवा की, कांग्रेसकी बीकानेर में पराजय हुई हो या जय किन्तु हमारे परिवार को जो बूथ की जिम्मेदारी दी जाती हैँ कांग्रेस कभी पीछे नहीं रही किन्तु साथ हीं कभी भी हमारे परिवार द्वारा पार्टी स्तर पर, सरकार में कभी किसी पद की मांग नहीं की गई जबकि हर तरह से साधन संपन और शहरी क्षेत्र की आम जनता से अच्छा जुड़ाव, बड़ी फेमेली के बावजूद कभी वार्ड स्तर पर पार्टी से टिकट की मांग नहीं की इसका एकमात्र कारण यही कि मांगकर क्या लेना जिस दिन पार्टी को जरूरत होंगी, घर आकर हमारा सम्मान करेगी या टिकट के लिए कहेगी, साथ हीं यह दावा की विपरीत परिस्थिति में भी पार्टी को विजयश्री दिलाने की क्षमता रखते हैँ, किन्तु मांगकर क्या लेना l