बीकानेर, जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की वरिष्ठ साध्वीश्री प्रियरंजनाश्रीजी ने सोमवार को रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज उपासरे में प्रवचन में कहा कि भगवान महावीर के आदर्श व सिद्धान्तों पर चलने वाले किसी भी गच्छ,पंथ, समुदाय के प्रत्येक पंच महाव्रतधारी मुनि व साध्वीवृंद का सम्मान करें। उनके सामने आने पर वंदना करें, गोचरी बहराएं तथा उनकी संयम की साधना में आवश्यकतानुसार सहयोग प्रदान करें। दिगम्बर, श्वेताम्बर, मूर्ति पूजक, अमूर्ति पूजक श्रावक-श्राविकाओं से भी स्नेह व आत्मीय भाव के साथ मिले तथा ’’जय जिनेन्द्र’’ के साथ अभिवादन करें।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्राणी को दैहिक (शारीरिक) भावना से नहीं आत्मीक भावना से देखें तथा उनके प्रति अहिंसा व मैत्री भाव रखें। देव, गुरु व धर्म के प्रति निष्ठा व विश्वास रखें। देव, गुरु व धर्म की कृपा से श्रावक-श्राविका की चवन्नी भी सवा रुपए मूल्य की बन जाती है। उन्होंने कहा कि मैंने किया, मेरे प्रयास से हुआ, मैं, मैं, का अहंकार नहीं करें, नेक कार्य करने के बाद प्रशंसा से फूले नहीं, इतराएं नहीं। कोई निंदा करता है तो उसको उपकारी मानें। गलती बताने वाले की गलती स्वीकार कर उसे दूर करने का प्रयास करें। परमात्मा की आज्ञा को सगलती मानने वाला, सहज, सरल, सादगीपूर्ण व्यवहार रखने वाला ही परिवार, समाज व देश की सेवा कर सकता है।
नृत्य नाटिका की अनुमोदना
प्रियरंजनाश्रीजी व सुगनजी का उपासरा के मंत्री रतन लाल नाहटा ने रविवार को वर्षीतप के सामूहिक पारणे पर ज्ञान वाटिका की बालिकाओं की ओर से प्रस्तुत प्रेरणादायक, धर्म के मर्म को समझाने वाली नृत्य नाटिका ’’कठ पुतली’’ की अनुमोदना व सराहना की। ज्ञान वाटिका से जुड़ी सुनीता नाहटा ने बताया कि नृत्य नाटिका में खुशबू जैन, हर्षिता जैन, साक्षी सेठिया, तमन्ना जैन, तनिशा सेठिया, जीनिसा नाहटा व छवि बोथरा ने विभिन्न किरदारों बखूबी निभाया।
साध्वीवृंद का विहार 27 को
साध्वी प्रियरंजनाश्रीजी, साध्वी प्रिय दिव्यांजना व साध्वी शुभान्जना श्रीजी म.सा. गुरुवार पुष्य नक्षत्र के दिन सुबह रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे से नाल दादाबाड़ी होते हुए फलौदी, बालोतरा के लिए विहार करेंगी। साध्वीजी के सुगनजी महाराज के उपासरे में दो दिन मंगलवार व बुधवार को प्रवचन सुबह सवा नौ बजे से सवा दस बजे तक होंगे।