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बीकानेर,शहर के नजदीकी गांव उदयरामसर में केन्द्र चंद्रनाथ जी महाराज का समाधी अब भव्य मंदिर का रूप लेगा। समाधी स्थल ट्रस्ट की ओर से इसका जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। ट्रस्ट से जुड़े संदीप यादव और प्रवीण यादव ने बताया कि यादव कुल में जन्मे चंद्रनाथ जी यादव सिद्ध समाज के गुरू जसनाथ जी महाराज के परम शिष्य थे। जिन्होने यहां जीवित समाधी ली थी। आज से करीब चार पांच दशक पहले एक संत को हुए चंद्रनाथ जी महाराज के दृष्टांग हुए और संत के आग्रह पर जब खुदाई कराई गई तो एक छोटा सा मंदिर निकला। बाद में पता चला कि यहां जसनाथी संत चंद्रनाथ जी महाराज ने जीवित समाधी ली थी। इसके बाद गांव के आस्थावान लोगों ने जसनाथी सिद्धों का बुलाकर समाधी स्थल पर हवन पूजन और जागरण कराया। इसके बाद समाधी स्थल पर नियमित पूजा होती है। दूर दराज के संत मंहत भी चंद्रनाथ जी महाराज की समाधी पर धोक लगाने आते है। चंद्रनाथ जी महाराज की जीवित समाधी का जिक्र गुरू जंभेश्वर महाराज की जन्म ग्रंथ वाणी में भी अंकित है। तपस्पी महात्मा जसनाथ जी के पास जसनाथ साहित्य की प्रतियां भी थी। दशकों पुराने इस समाधी स्थल और मंदिर को अब भव्य रूप दिया जा रहा है। इसके लिये दो सदस्यीय ट्रस्ट गठित किया गया और जीर्णोद्धार के लिये उदयरामसर के आस्थावान लोगों से आर्थिक सहयोग लिया जा रहा है। ट्रस्टी संदीप और प्रवीण यादव ने बताया कि जल्द ही जीर्णोद्धार का काम पूरा होने पर समाधी स्थल में विशेष अनुष्ठान और श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कराया जायेगा। इस अवसर पर शुक्रवार को समाजसेवी मनोज कुमार मोदी, त्रिलोक सिंह चौहान, भवानी आचार्य सहित आदि गांव वासियों के द्वारा चंद्र जी महाराज समाधि स्थल पर पूजा अर्चना की गई।

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