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बीकानेर। 1857 की क्रांति के महानायक अमर शहीद मंगल पांडे की 165 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर शुक्रवार को शहीद पार्क उद्यान में नरसिंग दास जीवणी देवी सेवग चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा उनके बलिदान का स्मरण करते हुए पक्षियों के लिए पाळसिये लगाए गए। इससे पहले पुष्पश्रद्धांजलि सभा मेें सर्वप्रथम ऋतूध्वज शर्मा ने मंगल पांडे की जीवनी का वाचन किया। ट्रस्ट के अध्यक्ष शंकर सेवग ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि युवा क्रांतिकारी शहीद मंगल पांडे ने अंग्रेजी हुकूमत द्वारा आए दिन भारतीयों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ व हिंदूत्व की भावना को ठेस पहुंचाने को लेकर अंग्रेजी सेना के खिलाफ बंदूक उठायी थी। उन्होंने कई अंग्रेजी अफसरों को मार गिराया था। इसी कारण उन्हें 8 अप्रेल 1857 को फांसी की सजा सुना दी थी। उनका यह बलिदान 1857 की क्रांति का टर्निंग प्वाइंट रहा और देश में अंग्रेजों के खिलाफ एक ही नारा ‘हल्ला बोल’ गूंजा। इस अवसर पर पक्षियों के लिए पाळसियों का वितरण किया गया। श्रद्धांजलि देते हुए तरुण भोजक, मनीष, ऋषिराज, पवन खजांची, शिवरतन, गौतम ने भी विचार रखे।

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