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बीकानेर। महरूम हाफिज ग़ुलाम रसूल शाद जामी की मदरसा दबिस्ताने जामी में 108 वीं जयंती मनाई गई ।कर्यक्रम की शुरुआत कुरआन की तिलावत से की गई ।कुरआन की तिलावत हाफ़िज़ नईमुद्दीन जामी ने की ओर कार्यक्रम में शाद साहब द्वरा लिखी गयी नातिया क़लाम मोईनुद्दीन जामी कादरी ने पेश किया ओर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की तौर पर हाफ़िज़ फरमान अली साहब मौजूद रहे। हाफ़िज़ फ़रमान साहब ने बताया कि शाद साहब बीकानेर की एक अहम शख्सियत थे उन्होंने कहा कि शाद साहब को हर मज़हब के लोग शाद साहब का आदर व सम्मान करते थे। शाद साहब ने अपना जीवन बच्चों को तालीम देने में समर्पित किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि जनाब हाफिज़ो कारी मौलाना नोशाद अहमद कादरी ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा के शाद साहब एक बेहतरी गुरू ओर बेहतरी शायर थे जो अपनी शायरी में कहतें हैं के ।

तकद्दुस हिन्द का जाने ना देंगे किसी को भी यहाँ आने ना देंगे
तिरंगा ही रहेगा शाद अब तो किसी झण्डे को लहराने न देंगे
ये रुबाई सुनाई ।।कर्यक्रम में मास्टर लतीफ अहमद, अजमल हुसैन ,दिलशाद अली, मोहम्मद आलम, मास्टर अब्दुल सत्तार ,कलीमुद्दीन जामी, वसीमुद्दीन जामी, मसीहुद्दीन जामी ,नजिबुद्दीन जामी ,समीउद्दीन जामी, हिसामुद्दीन जामिन ,निज़ामुद्दीन जामी, रियाजुद्दीन जामी ,इज़हानुद्दीन जामी, मोहम्मद लतीफ जोड़ा आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे ।
कार्यक्रम का संचालन मदरसा दबिस्ताने जामी के सचिव अलीमुद्दीन जामी ने किया और आये हुवे मेहमानों का स्वागत व आभार मदरसा पैराटीचर हाजी मोहम्मद जुबेर, आज़ाद मास्टर मोहम्मद ज़फ़र ओर अंजुमन ने किया।

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