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बीकानेर,राजस्‍थानी भाषा साहित्‍य अकादमी, राजस्‍थान, बीकानेर के अध्‍यक्ष एवं वरिष्‍ठ साहित्‍यकार श्री शिवराज छंगाणी ने कहा है कि आन लाईन साहित्‍य युवाओ को किताबो से जोडता है। वे आज अजित फाउण्‍डेशन में युवा साहित्‍यकार मनीष कुमार जोशी की ई-बुक बी. के. स्‍कूल की कचौरी का विमोचन कर रहे थे। मनीष कुमार जोशी का यह कथा संग्रह श्री शिवराज जी ने आन लाईन विमोचन किया। अब यह पुस्‍तक आन लाईन उपलब्‍ध है। श्री शिवराज जी छंगाणी ने यह भी कहा कि साहित्‍य को आपसी संस्‍कति से जोडकर सम्रद्ध किया जा सकता है। उन्‍होने यह भी कहा कि इसके माध्यम से न केवल साहित्‍य बल्कि संस्‍क्रति को भी देश विदेश में पहुंचाया जा सकता है। उन्‍होने साहित्‍य में डिजिटल प्रयोग के लिए साहित्‍यकार मनीष कुमार जोशी की प्रशंसा भी की।इस अवसर पर युवा चित्रकार और संस्‍क्रति वाहक योगेन्‍द्र पूरोहित ने कहा कि साहित्‍य में नये प्रयोग होते रहने चाहिए। साहित्‍य में डिजिटल क्रान्ति की रफतार तेजी से बढ रही है। इससे साहित्‍य बिना किसी विलम्‍ब के तुरंत पाठको तक पहुंचता हैऔर पाठको की प्रतिक्रिया भी तुंरत ही मिल जाती है। लेखक मनीष कुमार जोशी ने कहा कि बी. के. स्‍कूल की कचौरी कथा संग्रह में 5 कहानियां है। पहली कहानी विश्‍व प्रसिद्ध बी. के. स्‍कूल की कचौरी के इर्द गिर्द घूमती है। इस कहानी को पत्रकार सोपान जोशी ने एक ख्‍यातनाम आउटलुक मेगजीन के ट्रेवलर एडिशन में भी शामिल किया जा चुका है।इस मौके पर बी. के. स्‍कूल की कचौरी के निर्माता भी मौजूद थे। उन्‍होने कहा कि यह संयोग ही है कि यह स्‍कूल कचौरी के नाम से प्रसिद्ध हो गयी जबकि यह स्‍कूल अपनी पढाई के लिए भी प्रसिद्ध है परन्‍तु यह भी सच है कि लोग इस स्‍कूल को कचौरी के नाम से भी जानते है। उन्‍होने इस अवसर पर कचौरी के विश्‍व प्रसिद्ध किस्‍से भी सुनाये। परछाईयां के निदेशक और डिजिटल क्रियेटर मयंक जोशी ने बताया कि इस ई बुक को किस प्रकार डाउनलोड किया जा सकता है और किस प्रकार एप पर पढा जा सकता है, इसकी विस्‍तार से दी। उन्‍होने डिजिटल बुक पढने में होने वाली सुविधाओ के बारे में भी विस्‍तार से जानकारी दी। उन्‍होने ई- बुक डाउनलोड करने और खोलने का डेमो भी प्रदर्शित कर बताया। कार्यक्रम के अंत में अजित फाउण्‍डेशन के संजय श्रीमाली और डिजिटल क्रिेयटरमानस हर्ष ने सभी का धन्‍यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में मनोज व्‍यास, राकेश जोशी, गोविन्‍द व्‍यास, शरद जोशी, नरेन्‍द्र, संजय और सुशील छंगाणी उपस्थित थे।

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