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बीकानेर,बीकानेर के कई स्वास्थ्य केंद्रों में लगातार लड़के इतने ज्यादा पैदा हो रहे हैं कि जन्म का लिंग अनुपात (एसआरबी) प्रति हजार प्रसव पर 800 से नीचे जा रहा है. यानी एक हजार लड़कों के जन्म अनुपात में करीब 800 लड़कियां पैदा हो रही हैं।जिले में प्रतिमाह 50 से अधिक प्रसव वाले केंद्रों की पड़ताल की तो करीब 10 ऐसे स्वास्थ्य केंद्र सामने आए जहां आमतौर पर लिंगानुपात का अंतर बढ़ता रहता है। ये केंद्र गड़ियाला, देशनोक, जमसर, झाझू, लूणकरणसर, दांतोर, कोलायत आदि हैं। आश्चर्य की बात यह है कि जिला मुख्यालय जिला अस्पताल में भी लिंग जन्म अनुपात में अंतर दिखाई दे रहा है।

हालांकि, जिले के जन्म के समग्र लिंगानुपात में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं है। यानी अगर इसे राज्य और देश के पैमाने पर परखा जाए तो ठीक है। इसके बावजूद यह आशंका प्रबल होती जा रही है कि कहीं लिंग जांच से कन्या भ्रूण की हत्या तो नहीं हो रही है। यही वजह है कि प्रशासन ने कोलायत के प्रखंड सीएमओ डॉ. अनिल वर्मा की अध्यक्षता में एक टीम गठित कर पूरे मामले की जांच व निगरानी का जिम्मा सौंपा है. यह टीम कई स्तरों पर काम करेगी।

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