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बीकानेर, नाल गांव स्थित दादा गुरुदेव जिनकुशल सूरिश्वरजी की प्राचीन दादाबाड़ी में गुरुवार अमावस्या को जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की साध्वीश्री मृगावतीश्रीजी, सुरप्रियाश्रीजी व नित्योदयाश्रीजी के सानिघ्य में सस्वर 108 दादा गुरुदेव के इकतीसा का सामूहिक पाठ व पूजा की गई । दादा गुरुदेव के पाठ व पूजा से दिनभर दादाबाड़ी का माहौल पूर्ण धर्म व भक्तिमय बना रहा ।
साध्वीश्री मृगावती जी ने कहा कि दादा गुरुदेव की यह प्राचीन दादाबाड़ी भक्तों के रोक,शोक दूर करती है तथा उन्हें सुख व समृद्धि प्रदान करती है। उन्होंने अपने जीवन में घटित चमत्कारों का वर्णन करते हुए कहा कि दादा गुरुदेव का इकतीसा भी आत्मबल बढ़ाने वाला व प्रभावी है। उन्होंने बताया कि वे 40 साल के बाद दादाबाड़ी में दर्शन करने आई है। दादाबाड़ी में आज भी पूर्ण शुकुन, शांति व धार्मिक भावना मिली है।
सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा व चातुर्मास व्यवस्था समिति के मनीष नाहटा ने बताया कि 108 गुरुदेव इकतीसा का पाठ व पूजा का अनुष्ठान करीब ग्यारह घंटें चला, श्रावक-श्राविकाओं ने भक्ति भाव के साथ इसमें भागीदारी निभाई। सुबह शांति स्नात्र पूजा, पंच कल्याणक पूजा व उसके बाद बड़ी पूजा स्वयं साध्वीवृृंद ने आगम के मंत्रोच्चारण व भक्ति गीतों के साथ करवाई। पूजा में जल,चंदन, धूप, दीप, अक्षत्र, नवैद्य, फल,वस्त्र, पुष्प, ध्वज,कलश व इत्र आदि से पूजा की गई। साध्वीवृंद शुक्रवार सुबह नाल से बीकानेर में रांगड़ी चैक के सुगनजी महाराज के उपासरे में आएंगी। शनिवार से सुगनजी महाराज के उपासरे में सुबह सवा नौ बजे नियमित प्रवचन होगा।

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