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बीकानेर, जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की साध्वीश्री मृगावती, सुरप्रिया व नित्योदया के सान्निध्य में संवत्सरि महापर्व पर बुधवार को बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं एक दिन पौषधव्रत की पालना करते हुए सुबह छह बजे से शाम प्रतिक्रमण तक साधु सा जीवन व्यतीत करेंगे। उपासरे में बुधवार को सुबह आठ बजे प्रमुख जैन आगम कल्पसूत्र के मूलपाठ प्राकृतभाषा ’’बारासा सूत्र’’ का वांचन करेंगी। वांचन से पूर्व मतिज्ञान, श्रुतज्ञान,अवधिज्ञान, मन प्रयाय व केवल्य ज्ञान की पूजा की जाएगी।
साध्वीश्री मृगावतीश्रीजी ने मंगलवार को प्रवचन में कहा कि राग, द्वेष, काम,क्रोध, लोभ व मोह का त्याग कर पूर्व जैनाभाव से पौषध की साधना करें। मन, वचन व कर्म से अहिंसा धर्म की पालना करें तथा आपसी मन मुटाव, अलगाव व द्वेष का त्याग कर एक दूसरे से जाने-अनजाने में हुए गलती पर क्षमा याचना करना ही सच्चे रूप् में संवत्सरि पर्व मनाना है। मंगलवार को सुरेन्द्र कुमार, महेन्द्र कुमार बरड़िया परिवार की ओर से श्रीफल से संघ पूजा की गई।

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