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बीकानेर,अजित फाउण्डेशन द्वारा बाल विज्ञान पुस्तक मेले के अन्तर्गत विज्ञान पुस्तक प्रदर्शनी एवं सृजनात्मक विज्ञान लेखन पर कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम में बच्चों को संबोधित करते हुए विज्ञान लेखक एवं साहित्यकार प्रमोद चमौली ने कहा कि हमें पाठ्य पुस्तकों के अलावा भी अन्य सृजनात्मक लेखन को पढ़ना चाहिए। इससे हमारे अन्दर आत्मविश्वास जागृत होता है तथा हमारी सोच विकसित होती है। जब हम पढ़ते है तो शब्दों को आत्मसात करते हुए अपने मन मस्तिक में एक आवरण बनाते है वहीं आवरण हमारी परिकल्पना को मजबूत बनाता है। चमौली ने बताया कि ‘‘पढ़ना एक कौषल है, एक आर्ट है,’’ जिसे प्रत्येक बच्चें को समझना चाहिए। उन्होंने सृजनात्मक विज्ञान पर बोलते हुए कहा कि विज्ञान हमें जिज्ञासू बनता है। हमें जीवन जीने की कला सीखाता है तथा जीवन में अपनी सृजन शक्ति को विकसित करने के रास्ते दिखाता है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि षिक्षाविद् एवं समाजसेवी मनोज व्यास ने कहा कि हमें पढ़ने हेतु रूचि विकसित करनी होगी चाहे वह पाठ्यक्रम की पुस्तकें हो या अन्य विषय की। अब हम अच्छा साहित्य पढ़ेगें तो हमारी सोच का दायरा भी बढ़ेगा। हमें सोचने के नए अवसर मिलेगें जिससे हम समाज एवं देश की सेवा कर सकेगें।
विक्टोरियस सी. सै. स्कूल की प्राचार्या रोहिणी ने कहा कि पुस्तकालय का समुचित उपयोग बच्चों के आने एवं पढने से ही संभव होगा। पाठक एवं पुस्तकालय एक दूसरे के पूरक है। उन्होंने कहा कि शिक्षक देश का निर्माण करते है। वह सशक्त पीढ़ि एवं स्वच्छ समाज का निर्माण करते है। इस कार्य में अजित फाउण्डेशन जैसी संस्थाओं द्वारा किए जा रहे कार्य बहुत महत्ती के है।
संस्था समन्वयक संजय श्रीमाली ने कार्यक्रम के आरम्भ में बच्चों का मनोबल बढ़ाने हेतु उनको पुस्तकांे से जोड़ने एवं सृजन लेखन के अवसर देने पर अपनी बात कही। श्रीमाली ने बताया कि बच्चे ही देश का भविष्य है। हम जितना बच्चों को निखारेगें उतना ही देष की भविष्य मुखरित होकर निखरेगा। इस अवसर पर उन्होंने संस्था की गतिविधियों के बारे में परियच देते हुए कहा कि आप पुस्तकालय से जुड़कर अपना सर्वांगीण विकास कर सकते है।
कार्यक्रम में विक्टोरियस सी. सै. स्कूल के छात्र-छात्राओं सहित नितू, रेखा आदि अध्यापिकाओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।

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