बीकानेर,नगर में राव जैतसी की प्रतिमा लगे एड. तवर
राती घाटी युद्ध मरुधरा का राष्ट्रीय गौरव डॉ.जोशी
आज श्री पंच मंदिर में बीकानेर स्थापना दिवस के सप्त दिवसीय कार्यक्रमों का समापन समारोह आयोजित किया गया।
प्रारंभ में पंडित ओम नारायण श्रीमाली ने वैदिक मंगलाचरण किया। डॉ. राजेंद्र जोशी ने राती घाटी युद्ध को मरुधरा का राष्ट्रीय गौरव निरूपित करते हुए इस युद्ध को सुरक्षात्मक राजनीतिक और सामाजिक प्रभावों की विवेचना की।
श्री जानकी नारायण श्रीमाली ने स्वागत भाषण करते हुए राती घाटी समिति द्वारा वर्ष 1993 से दिए जा रहे इतिहास व प्रतिभा सम्मानों का पर प्रकाश डालते हुए आज सम्मानित होने वाले पांचो महानुभावों के योगदान पर प्रकाश डाला।
इसके बाद सर्वश्री नरेंद्र सिंह बीका अध्यक्ष, करण सिंह तंवर एडवोकेट प्रमुख अतिथि, महादेव प्रसाद आचार्य अध्यक्ष इतिहास समिति और समिति के पदाधिकारियों में श्री महावीर सिंह तंवर को विरासत संरक्षण, जज लीलाधर स्वामी को शुचितापूर्ण न्याय, डॉ. मनमोहन सिंह यादव को शिक्षा– संस्कृति, आत्माराम भाटी को खेल पत्रकारिता और रामदेव देराश्री को पावन सेवा हेतु राती घाटी राष्ट्रीय अलंकरण, शॉल व पुष्पमालाएं भेंट की। अपने अभिनंदन पर बोलते हुए वयोवृद्ध श्री महावीर सिंह तंवर ने राती घाटी युद्ध को राष्ट्रीय विरासत, श्री लीलाधर स्वामी ने इस युद्ध पर समिति द्वारा प्रकाशित वृहद साहित्य का ओजस्वी विवरण दिया। डॉ. मनमोहन सिंह यादव उदयरामसर ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आत्माराम भाटी ने खेल जगत में बीकानेर के योगदान की चर्चा करते हुए अभिनंदन हेतु आभार प्रकट किया। पूजारी श्री रामदेव देराश्री ने मां चामुंडा की वीर रस प्रधान स्तुति की। प्रमुख अतिथि एडवोकेट श्री करण सिंह तंवर ने राती घाटी युद्ध के नायक राव जैतसी की बीकानेर में प्रतिमा स्थापित करने का आह्वान किया।
अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह बीका ने सभी आगंतुकों का आभार प्रकट करते हुए समिति को सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया।
आज के समारोह में सर्वश्री डॉ. निर्मल रांकावत, डॉ. पवन दाधीच, वाचस्पति जोशी, अशोक सिंह सांखला, मकसूद अहमद, पुरुषोत्तम सेवग, प्रदीप सिंह चौहान, कन्हैया लाल सुथार, गोपाल सिंह शेखावत, भंवर सिंह, तेजमाल सिंह किलचू, मदन मोदी, अनिल डेम्बला, मदन सियाग, डॉ. महेंद्र चाड़ा, गिरधारी लाल हांसल, किशोर बांठिया, कमलनयन शुक्ला, भवानी सिंह राठौड़, पीयूष यादव, राजाराम स्वर्णकार, प्रेम व्यास सहित प्रबुद्ध इतिहासप्रेमी जन पधारे। सामूहिक स्वस्ति वाचन पूर्वक समारोह संपन्न हुआ।