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बीकानेर। जिले में लूट, बलात्कार व चोरी की वारदातें थम नहीं रही। पुलिस रिकार्ड की बात करें तो पिछले साल की तुलना में इस साल लूट की घटनाएं करीब दोगुना अधिक हुई है। लूट व चोरी की बढ़ती घटनाओं से प्रतीत होता है कि बदमाशों के आगे पुलिस लाचार साबित हो रही है। घटनाओं पर पुलिस का कोई अंकुश नहीं है। अपराधी वारदातों को अंजाम दे रहे हैंऔर पुलिस महज काम करने के दावे कर रही है। यही वजह है कि आमजन के साथ ही व्यापारियों में दहशत है।

लॉकडाउन के बाद भी अपराध में कमी नहीं
पिछले दो साल से जिले में कोरोना के चलते कई दिनों तक लॉकडाउन लगा रहा। इस साल भी करीब दो ढाई महीने तक लॉकडाउन रहा। इसके चलते थानों में कोरोना उल्लंघन के चलते छिटपुट मामले ही हुए। लॉकडाउन खुलने के बाद आपराधिक घटनाएं बढऩे लगी। जिले में नवंबर माह तक चार हजार ३३८ मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें भी लूट, बलात्कार, चोरी व अपहरण के मामले अधिक दर्ज हुए हैं। मादक पदार्थ की तस्करी के बढ़ते मामले सर्वाधिक चिंता की बात है।

यह अपराध बढ़े
जिले में बीते साल की तुलना में इस साल लूट, चोरी व बलात्कार की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। इस साल लूट के ११, अपहरण के दो, बलात्कार के १३ एवं चोरी के ६३ मामले अधिक दर्ज हुए हैं। वहीं बल्वा का पिछले तीन साल में बीकानेर जिले में एक भी मामला सामने नहीं आया है। अन्य भारतीय दंड संहिता के 278 मामले अधिक दर्ज हुए हैं। लॉकडाउन के चलते अफीम, डोडा-पोस्त, गाजा, शराब के अत्यधिक मामले दर्ज हुए।

युवाओं की अपराध में संलिप्तता
चोरी, नकबनी, हत्या हो चाहे अपहरण, मारपीट की घटनाओं में युवाओं की संलिप्तता समाज व परिवार के लिए चिंता की बात है। युवा नश के दलदल में धंस रहे हैं। नशे के वश में होकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। हाल ही में हुई चोरी, हत्या के प्रयास, लूट की घटनाओं को अंजाम देने वालों में 22 से ३० साल की उम्र के युवा अधिक शामिल रहे हैं। चोरी व लूट की घटनाओं में नाबालिगों की भी भूमिका रही।

जिले का रिपोर्ट कार्ड
वर्ष अपराध प्रकरण वर्ष प्रकरण
2020 हत्या ६१ 202१ ४५
2020 हत्या प्रयास ८५ 2021 ६५
2020 डकैती ३ 2021 ०
2020 लूट १४ 2021 2५
2020 अपहरण ९५ 2021 ९७
2020 बलात्कार १५2 2021 १६५
2020 नकबजनी १४८ 2021 १४५
2020 चोरी ३७2 2021 ४३५

इनका कहना है…
पिछले सालों की तुलना में कोरोना के कारण इस साल अपराध कम दर्ज हुए हैं। लॉकडाउन की पाबंदियां हटने के बाद अपराध भी धीरे-धीरे बढऩे लगे हैं। अपराध व अपराधियों पर नियंत्रण के लिए पुलिस कोशिश करती है। आमजन की सुरक्षा पुलिस का नैतिक कत्त्र्वय है। अपराध करने वाले हर हाल में सलाखों के पीछे होंगे। आमजन पुलिस पर विश्वास बनाए रखें और सहयोग करें।
योगेश यादव, पुलिस अधीक्षक

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