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बीकानेर । सात साल पहले उरमूल डेयरी के सामने झुग्गी-झौंपड़ी में रहने वाली नाबालिग लड़की को नशीला लड्डू खिला अजमेर ले जाकर दुष्कर्म किया गया था। पोक्सो कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद आरोपी युवक को दोषी माना और उसे 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अपराधी को 30 हजार रुपए अर्थदंड भी भुगतना होगा।
उरमूल डेयरी के पास रहने वाली 14 साल की लड़की अपने परिजनों के साथ आरएसी में मजदूरी का काम करती थी। बंगाल में मालदा निवासी सिराज उर्फ अब्दुल भी वहां मजदूरी का काम करने आया करता था। इस दौरान दोनों में जान-पहचान और दोस्ती हुई। सिराज ने लड़की को अपने साथ चलने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया। एक दिन रात को लड़की अपनी झौंपड़ी से बाहर निकली तो सिराज खड़ा दिखा। उसने आवाज देकर लड़की को बुलाया और लड्डू खिलाया जिससे वह बेसुध हो गई। सिराज उसे टैक्सी में जूनागढ़ के पास लाया और वहां से बस में अजमेर ले गया। अजमेर में अपने परिचित के यहां रखा और उससे मारपीट कर जबरन दुष्कर्म किया। बीछवाल पुलिस थाने में 19 दिसंबर को केस दर्ज हुआ। पोक्सो कोर्ट के पीठासीन अधिकारी देवेन्द्रसिंह नागर ने इस मामले की सुनवाई के बाद सिराज को दोषी माना और 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। उसे 30 हजार रुपए अर्थदंड भी भुगतना होगा। यह राशि जमा नहीं करवाने पर एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में 13 गवाहों के बयान हुए। राज्य की ओर से पैरवी सुभाष साहू और पीडि़ता की पैरवी जयदीप शर्मा ने की।

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