बीकानेर,अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य लगातार चल रहा है जहां सैकड़ों कारीगर दिन-रात मंदिर निर्माण के काम में लगे हुए हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से रामलला के गर्भगृह की बीते दिनों ताजा तस्वीरें जारी की गई जिसका लंबे समय से रामभक्तों को इंतजार था.रामलला के गर्भगृह में लाल सफेद रंग का लगभग पांच फीट ऊंचा एक स्ट्रक्चर रखा है जितनी ऊंची भगवान राम की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित की जाएगी. वहीं भगवान श्रीराम के मंदिर का गर्भगृह बनाने की जिम्मेदारी राजस्थान के कारीगरों के हाथ में है.
राम मंदिर का गर्भगृह मकराना के संगमरमर पत्थरों से तैयार किया जा रहा है जिसका ठेका आर्किटेक्ट जियाउल उस्मानी कंपनी को दिया गया है और कारीगर रमजान हैं. रमजान का परिवार तीन पीढ़ियों से पत्थरों को तराशने का कारीगर रहा है और परिवार के लोगों ने कई मंदिर बनाए हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर के गर्भगृह का काम मकराना में तीन फैक्ट्रियों में चल रहा है जहां सभी जगह गर्भगृह के अलग-अलग हिस्से तैयार किए जा रहे हैं. वहीं मकराना के रहने वाले भाऊदीन मार्बल के रमजान और मातेश्वरी टेंपल के नरेश लोहार के पिता ने 25 साल पहले अशोक सिंघल और चंपतराय के साथ राम मंदिर के पत्थर तराशने का काम शुरू किया था जिसके बाद आज उनकी तीसरी पीढ़ी यह काम कर रही है. कारीगर रमजान भाऊदीन के बड़े बेटे हैं.तीन मंजिला है मंदिर का गर्भगृह
रिपोर्ट के मुताबिक कारीगर रमजान बताते हैं कि गर्भगृह में तीन मंजिलें हैं जहां हर मंजिल पर 8 दरवाजे हैं जिनमें से 21 दरवाजे पूरी तरह तैयार किए जा चुके हैं. वहीं 3 मुख्य दरवाजों का काम अभी चल रहा है. बता दें कि जुलाई 22 में काम शुरू किया गया था जो 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है.
वहीं रामलला के सिंहासन का डिजाइन अभी पूरी तरह बना नहीं है जिस पर काम चल रहा है. जानकारी मिली है कि सिंहासन के लिए कोई बेहतरीन मार्बल पत्थर की तलाश की जा रही है जिसके ऊपर सोने-चांदी की परत भी चढ़ाई जा सकती है.
हर दरवाजे पर होगी नायाब नक्काशी
वहीं रामलला के मंदिर में तीन फ्लोर तैयार किए जाएंगे डहां हर फ्लोर पर तीन तरह के 8-8 दरवाजे लगाए जाएंगे. पहला मुख्य दरवाजा, फिर अलग-अलग दिशा में परिक्रमा वाले रास्ते में तीन छोटे दरवाजे खुलेंगे. इसके अलावा मंदिर के आगे बाहरी परिसर में लोगों के जमा होने के चलते वहां चार अन्य दरवाजे रखे गए हैं. बताया जा रहा है कि हर दिशा से रामलला के दर्शन किए जा सकते हैं और हर दरवाजे पर एक विशेष तरह की नक्काशी का काम किया जा रहा है.रमजान है परिवार की तीसरी कारीगर पीढ़ी
गौरतलब है कि राम मंदिर में रामलला का गर्भगृह पूरा संगमरमर पत्थरों से तैयार किया जा रहा है जिसका ठेका राजस्थान के चार वेंडरों को मिला है. इन वेंडरों में आबूरोड के मालवीय क्राफ्ट, पिंडवाड़ा के मातेश्वरी टेंपल, सोमपुरा मार्बल और मकराना के सेठ भाऊदीन मार्बल हैं जो एलएंडटी और टाटा के इंजीनियर्स के साथ तालमेल बैठाकर काम को आगे बढ़ा रहे हैं.
आर्किटेक्टों के नक्शे को राजस्थान के यह कारीगर पत्थरों को तराश कर साकार रूप देने का काम करते हैं. बता दें कि इन कारीगर परिवारों की आज तीसरी पीढ़ी मंदिर बनाने का काम कर रही है.