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बीकानेर, पुष्करणा शादी ओलम्पिक सावा वर्ष 1973 में शादी कर 50 वें दाम्पत्य जीवन मे प्रवेश कर चुके बुजुर्ग दम्पतियों का रमक झमक की ओर से चल रहे गोल्डन जुबली अलंकरण सम्मान की प्रक्रिया में आज 100 जोड़े सम्मानित हो गए,इस पर रमक झमक की ओर से प्रसन्नता जाहिर की गई है। रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ ने बताया कि 7 फरवरी को रमक झमक के कार्यक्रम में एक साथ 76 जोड़े सम्मानित हुवे थे। उस कार्यक्रम के बाद भी रमक झमक का प्रयास चालू रहा है कि जो दम्पति अन्य प्रदेश में बसने या किसी भी कारण बीकानेर नहीं होने या सामाजिक तथा स्वास्थ्य कारणों से नहीं पहुँच सके उनका सम्मान जब वो बीकानेर में उपलब्ध हो और आसानी हो उनकी सुविधानुसार उनके घर जाकर उन दम्पति को गोल्डन जुबली अलंकरण सम्मान से नवाजा जाए। यह क्रम निरन्तर चालू है। आज यह संख्या 100 की हो गई ।आज 100 दम्पति के रूप में किसन लाल -चन्द्रकला व्यास का सम्मान किया गया।

रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ ने बताया कि जो नहीं पहुँच सके उनका घर घर जाकर सम्मान करने से उन दम्पति के बेटे बहु खाश कर पौते पौतियाँ व नाति अति प्रसन्न हो रहे है और ये बुजुर्ग दम्पति रमक झमक को आशीर्वाद व शुभकामनाए दे रहे है। ये आशीर्वाद व शुभकामनाएं प्राप्त कर रमक झमक स्वयं गौरवान्वित महसूस कर रहा है। ओझा ने कहा है कि वे उन सभी दम्पतियों व उनके परिवार का आभारी है कि उन्हें सत्कार कर आशीर्वाद लेने का अवसर दिया और रमक झमक का मान बढ़ाया। समाज सेवी रतना महाराज ओझा,एडवोकेट गोपाल पुरोहित,भरत पुरोहित,दाउ लाल आचार्य,शिव छंगाणी,डॉ गोपाल भादाणी, मुरली नारायण ओझा,सतीश किराड़ू, सुशील किराड़ू ने रमक झमक के गोल्डन जुबली सम्मान को समाज का ऐतिहासिक व अबतक का उत्तम कार्यक्रम बताते हुवे खुशी जाहिर की है। राधे ओझा ने देश विदेश में रमक झमक से प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से जुड़े लोगों का आभार प्रकट किया है।

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