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जयपुर। प्रदेश में रिक्त हो रही चार आज सभा सीटों हो रहे राज्यसभा चुनाव मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए साख का सवाल बन गए हैं। 4 में से 3 सीटों पर पार्टी आलाकमान की ओर से घोषित कर किए गए कांग्रेस प्रत्याशियों को जीत दिलाने का दबाव मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर है।

हालांकि सत्ता और संगठन का दावा है कि तीनों सीटों पर जीत का नंबर गेम उनके पास है और तीनों सीटों पर जीत कांग्रेस पार्टी की होगी लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी के मैदान में आने के बाद राज्यसभा चुनाव का मुकाबला भी दिलचस्प हो गया है।

ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशी की ओर से कांग्रेस खेमे में सेंधमारी की आशंका के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूरी तरह सक्रिय हैं और कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय और अन्य विधायकों पर नजर बनाए हुए हैं। दरअसल इसकी एक वजह यह भी है कि कांग्रेस के तीनों प्रत्याशी रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी कांग्रेस आलाकमान के नजदीकी हैं।

तीनों सीटों पर जीत का मिला टास्क

सूत्रों की माने तो भले ही 3 सीटों में से किसी भी एक सीट पर स्थानीय नेताओं को मौका नहीं दिया गया हो लेकिन बावजूद इसके कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तीनों सीटों पर जीत दिलाने का टास्क दिया है। अंदर खाने पार्टी के कई विधायकों में भी तीनों सीटों पर बाहरी प्रत्याशी देने को लेकर नाराजगी बढ़ रही हो लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस आलाकमान की उम्मीदों पर खरा उतरना चाहते हैं। इसीलिए विधायकों की नाराजगी दूर करने और सभी को एकजुटता का पाठ पढ़ा चुके हैं।

बैठक से गैरहाजिर है विधायकों से खुद मुख्यमंत्री ने की बात

इधर कल शाम मुख्यमंत्री आवास पर हुई विधायकों की बैठक में केवल 65 ही विधायक शामिल हुए थे बैठक से गैरहाजिर है विधायकों की नाराजगी भागते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद एक एक विधायक से फोन पर बात की थी और उन्हें एकजुटता रखने के निर्देश भी दिए थे ।

123 विधायकों के संख्या बल का दावा
इधर राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस नेताओं का दावा है कि उनके पास 122 विधायकों का समर्थन है और माकपा और बीटीपी के विधायक भी उनके संपर्क में हैं।

कांग्रेस के पास ये है नंबर गेम

कांग्रेस के 108, निर्दलीय 13, 1 आरएलडी, कुल 122 विधायक

बीटीपी के 2 और माकपा के भी दो विधायकों का समर्थन का दावा

41-41-41 यानी पहली वरीयता के लिए तीनों सीटों पर जीत के लिए 123 वोट चाहिए।

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