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बीकानेर,अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद के संयोजक रामावतार पलसानिया और पीएस कलवानिया के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली आवास पर मुलाकात के दौरान गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और बेंगलूरू के प्रमुख उद्योगपति चौधरी रामसिंह कुल्हरी भी मौजूद रहे।जयपुर के फागी के निवासी रामावतार पलसानियां और नागौर के पीएस कलवानियां ने पीएम मोदी से राजस्थान के राजनीतिक हालातों पर चर्चा करते हुए राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव में जाट नेतृत्व को आगे बढ़ाने और बीजेपी की जीत पर मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है। जाट नेताओं ने समाज के महापुरुषों के गौरवशाली इतिहास को केन्द्रीय और प्रदेश के शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग भी रखी।

सामाजिक पैठ वाले नेताओं को दें चुनाव में टिकट

उमर उजाला डिजिटल से टेलीफोन पर बातचीत में अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद के संयोजक रामावतार पलसानियां ने बताया कि सुबह 10.30 बजे से 11.45 बजे तक करीब सवा घंटे तक प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात उनके निवास पर हुई। इस दौरान पीएम मोदी को महाराजा सूरजमल जाट की तस्वीर भी भेंट की गई। प्रधानमंत्री को बताया गया कि राजस्थान में 22 फीसदी जाट समाज के लोग हैं। जबकि इलेक्टेड होकर करीब 17 फीसदी आते हैं। जिस तरह भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के वक्त जाट समाज को आरक्षण देकर आगे बढ़ाने क काम बीजेपी ने किया था। उसी तरह बीजेपी फिर से जाट समाज को राजनीतिक नेतृत्व में आगे बढ़ाए। राजस्थान में इतनी बड़ी आबादी होने के कारण जाट समाज का हक प्रदेश पर नेतृत्व के लिए बनता है। साथ ही प्रधानमंत्री से कहा कि सामाजिक पकड़ और पैठ वाले लोगों को ही विधानसभा और लोकसभा के टिकट दिए जाएं।

राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, यूपी के सियासी समीकरणों पर चर्चा
पलसानियां ने कहा- प्रधानमंत्री से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, वेस्टर्न यूपी के सियासी समीकरणों पर चर्चा हुई है। अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद ने विश्वास दिलाया है कि बीजेपी अगर हमें जिम्मेदारी देना चाहेगी, तो हम साथ लगकर इंटरनेशनल लेवल पर समाज को बीजेपी के साथ जोड़ने के लिए काम करेंगे। पलसानियां ने कहा- पीएम मोदी ने दिल्ली में जाट समाज का बड़ा सम्मेलन आयोजित करने को कहा है। जिस पर सहमति हो गई है। जल्द ही सम्मेलन की तारीख घोषित की जाएगी। इसके साथ ही जाट आरक्षण आंदोलन और किसान आंदोलन को लेकर भी प्रधानमंत्री से चर्चा हुई है। जाट संसद ने इस दौरान पीएम मोदी की माताजी हीराबेन जी के निधन पर शोक संवेदनाएँ भी व्यक्त कीं।प्रधानमंत्री ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री को जानकारी दी गई कि गौरवशाली जाट इतिहास को जनता तक पहुंचाने के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद’ ने महाराजा सूरजमल जाट के स्वर्णिम इतिहास पर ‘द ग्रेट महाराजा सूरजमल’ डॉक्युमेंट्री फिल्म का निर्माण किया है। साथ ही अखण्ड भारत के महानायक दीनबंधु, रहबरे आजम, चौधरी सर छोटूराम के जीवन पर ‘सर छोटूराम – द लीजेंड ऑफ अनडिवाइडेड इंडिया’ डॉक्यूमेंट्री फिल्म का भी निर्माण किया है। इस पर प्रधानमंत्री ने समाज को एकता के सूत्र में जोड़ने, 36 कौम और बिरादरियों के साथ सामाजिक भाईचारा बढ़ाने और सामाजिक जन चेतना के कामों के लिए पलसानियां और कलवानियां को शुभकामनाएं दीं।

150 देशों में अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद का नेटवर्क
प्रधानमंत्री मोदी ने सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर हुई चर्चा के दौरान’अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद’ की ओर से किए जा रहे ऐतिहासिक कार्य – कला, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, रोजगार सर्जन और गौरवशाली जाट इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने की सराहना की और भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दी हैं। ‘अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद’ पिछले पंद्रह सालों से कार्यरत है। इस संगठन का नेटवर्क आज दुनिया के 150 देशों में है ।

‘अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद’ के पहले सत्र का आयोजन नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 1 मार्च 2020 को 62 देशों से आए जाट समाज के लोगों की उपस्थिति में हुआ था। दूसरा सत्र राजस्थान की राजधानी जयपुर के बिड़ला ओडिटोरियम में 12 जून 2022 को हुआ। जिसमें 130 देशों से समाज के लोग इकट्ठा हुए थे। शिक्षा,व्यापार और रोजगार के लिए दक्षिण भारत में सालों पहले पलायन कर चुके समाज के लोगों को साथ जोड़ने के लिए पिछले दिनों 18 सितम्बर 2022 को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू के टाउन हॉल में ‘प्रवासी जाट अधिवेशन’ आयोजित किया गया था।

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