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बीकानेर,दुनिया भर में दस करोड़ से अधिक लोग राजस्थानी भाषा समझते और बोलते हैं। यह भाषा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विशेष पहचान रखती है।
राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष शिवराज छंगाणी ने रविवार देरशाम ब्रह्मबगीचा परिसर में लोक कलाकार लोकेश चूरा के वीडियो एल्बम ‘मिले सरकारी मानता’ के लोकार्पण अवसर पर यह बात कही।
छंगाणी ने कहा कि राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता मिलना लंबे समय से लंबित है। केंद्र सरकार इसकी खूबियों को समझते हुए इसे संवैधानिक मान्यता दे।उन्होंने कहा कि मान्यता के प्रति अलख जगाने के उद्देश्य से प्रदेश भर में विभिन्न गतिविधियां आयोजित होती रहती हैं। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में चूरा जैसे युवाओं द्वारा किए गए प्रयास इस दिशा में सार्थक साबित होंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कथाकार राजेंद्र जोशी ने कहा कि राजस्थानी में अकूत लिखित साहित्य है। आज युवा भी अपनी लेखनी इस ओर चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर राजस्थानी और उससे जुड़े कंटेंट तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। राजस्थानी को मान्यता मिलने से इसे मान मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर मिलेंगे।
स्वागताध्यक्ष के रूप में बोलते हुए हरि शंकर आचार्य ने कहा कि ‘मिले सरकारी मानता’ में राजस्थानी भाषा, साहित्य और संस्कृति के विविध रूपों से रूबरू करवाया है। उन्होंने बताया कि चूरा ने अब तक 13 राजस्थानी गीतों के माध्यम से राजस्थान के तीज, त्योहारों और परंपराओं का बेहतर चित्रांकन किया है।
इससे पहले अतिथियों ने वीडियो एल्बम लॉन्च की। हास्य कवि बाबू लाल छंगाणी ने भी विचार व्यक्त किए। लोकेश चूरा ने वीडियो एल्बम से जुड़े तथ्यों की जानकारी दी। इस दौरान वीडियो एल्बम में भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ लोक कलाकार गिरधर व्यास, गोपाल बिस्सा, सीपी व्यास और यशस्विनी चूरा का सम्मान किया गया। डॉ. नमामि शंकर आचार्य ने आगंतुकों का आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन सुभाष जोशी ने किया।
इस दौरान डॉ. गौरी शंकर प्रजापत, राजकुमार चूरा, मनोज व्यास, उमेश चूरा, डॉ. हरिराम गोदारा, दिनेश चूरा, राजेश चौधरी, कर्मचारी नेता भंवर पुरोहित, व्यास योगेश राजस्थानी, संदीप जोशी, गिरिराज जोशी, कृष्णकांत व्यास, रवि चूरा, अखिल चूरा, अरुणा चूरा, विजय व्यास, पवन डागा, अनुराग पुरोहित, मोहित स्वामी, सुनील पुरोहित, शिव उपाध्याय, मोहन पुरोहित, राजेंद्र व्यास, संदीप पुरोहित, एसके व्यास, गोविन्द व्यास, श्रवण व्यास, योगेश पुरोहित, नेमीचंद ओझा सहित अनेक लोग मौजूद रहे।

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