बीकानेर,राजस्थानी भासा रा अमोलक उपन्यासकार, कवि-कथाकार अन्नाराम सुदामा रै जलम सईकै रै मौकै राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, श्रीडूंगरगढ कानीं सूं ग्यान गोठ 27 अगस्त, 2023 अदीतवार नै संस्कृति भवन में दिनुगै 10 बज्यां राखीजी है। संस्थाध्यक्ष श्याम महर्षि बतायो कै डॉ. भंवर भादानी रै बडेरचारै में होवण वाळै इण जळसै रा खास पांवणा ख्यातनांव साहित्यकार डॉ. नंद भारद्वाज अर सिरै पांवणा सूरतगढ रा साहित्यकार डॉ. हरिमोहन सारस्वत रूंख होसी। स्वागताध्यक्ष डॉ. मेघराज शर्मा भी इण मौकै सान्निध्य दैसी। जळसै रा संयोजक रवि पुरोहित बतायो कै इण जळसै में डॉ. मदन सैनी, डॉ. चेतन स्वामी अर मोनिका गौड़ अन्नाराम सुदामा रै उपन्यास, कविता अर कहाणी पख माथै आपरै पत्रां रै मारफत सुदामा री राजस्थानी साहित्यिक जात्रा री अंवेर अर पड़ताल करसी।
समारोह री विगत साझी करतां संयुक्त मंत्री विजय महर्षि कहîो कै रोटरी क्लब कानीं सूं संस्था में थापित जळ मंदिरे इण मंगळ मौकै लोक निजर करîो जासी। साथै ई अन्नाराम सुदामा री सिरजणां री आलोचनात्मक अंवेर करती नंद भारद्वाज रै संपादन में छपी पोथी ‘सिरजण साख रा सौ बरस’ भी लोकार्पित हुसी।
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राजस्थानी के अमोलचक साहित्यकार अन्नाराम सुदामा का जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जाएगा।
अन्नाराम सुदामा: चींत अर चितार विषयक गोष्ठी का आयोजन। जल मंदिर और सुदामा पर केन्द्रित पुस्तक का होगा लोकार्पण
राजस्थानी भाषा के अमोलक उपन्यासकार, कवि-कथाकार अन्नाराम सुदामा के जन्म शताब्दी वर्ष के मौके पर राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, श्रीडूंगरगढ संगोष्ठी का आयोजन 27 अगस्त, 2023 रविवार को संस्कृति भवन में प्रातः 10 बजे करेगी। संस्थाध्यक्ष श्याम महर्षि ने बताया कि डॉ. भंवर भादानी की अध्यक्षता और मुख्य अतिथि साहित्यकार डॉ. नंद भारद्वाज, जयपुर होंगे। समारोह के विशिष्ट अतिथि सूरतगढ के लोकप्रिय साहित्यकार डॉ. हरिमोहन सारस्वत रूंख और स्वागताध्यक्ष शिक्षाविद डॉ. मेघराज शर्मा होंगे। समारोह संयोजक रवि पुरोहित ने बताया कि इस समारोह में डॉ. मदन सैनी, डॉ. चेतन स्वामी और मोनिका गौड़ अन्नाराम सुदामा के उपन्यास, कविता व कहानी सृजन के विविध पक्षों पर अपने पत्रों के माध्यम से सुदामा की राजस्थानी साहित्यिक यात्रा की अंवेर और पड़ताल करेंगे।
संयुक्त मंत्री विजय महर्षि ने आयोजन की रूपरेखा साझा करते हुए कहा कि रोटरी क्लब, बीकानेर की ओर से संस्था परिसर में स्थापित जल मंदिर का लोकार्पण इस अवसर पर किया जाएगा। साथ ही अन्नाराम सुदामा की सर्जना की आलोचनात्मक अंवेर करती नंद भारद्वाज के संपादन में छपी कृति ‘सिरजण साख रा सौ बरस’ भी लोकार्पित की जाएगी।