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बीकानेर/श्रीडूॅंगरगढ़,राजस्थानी भाषा के प्रति आम जन को जागरूक करने और नई शिक्षा के तहत राजस्थानी मान्यता के लिए लोक जुड़ाव बनाने के लिए जन जागरण अभियान कल बाल दिवस से प्रारम्भ होगा। इस आशय की जानकारी देते हुए आयोजक संस्था मरूभूमि शोध संस्थान के सचिव साहित्यकार श्याम महर्षि ने बताया कि राजस्थानी का समृद्ध साहित्य और परम्परा होते हुए भी मान्यता न दिया दुर्भाग्यपूर्ण है। मान्यता न मिलने से हमारे राजस्थानी बच्चे अपने हक-हकूक से वंचित रह जाते हैं। इसलिए भाषाई मान्यता के लिए संस्था के प्रकोष्ठ राजस्थली द्वारा राजस्थानी जनजागरण अभियान कल बाल दिवस से प्रारम्भ किया जा रहा है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नेतृत्व में विद्यार्थी प्रभात फेरियां और रेलियां निकालेंगे और मान्यता की मांग को बुलंद करेंगे।
समारोह संयोजक साहित्यकार रवि पुरोहित ने बताया कि नई पीढ़ी को भाषा के संस्कारों से शिक्षित, संस्कारित और परिचित करवाने के लिए 16 नवम्बर 25 रविवार को राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति के प्रांगण में प्रातः 10 बजे राजस्थानी कहानी प्रश्नोत्तरी के कार्यक्रम उजास का आयोजन शिक्षाविद् साहित्यकार छगनलाल सेवदा की अध्यक्षता और मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, श्रीडूंगरगढ़ सरोज पूनिया वीर के मुख्य आतिथ्य में बागेश्वरी साहित्य, कला, सांस्कृतिक विरासत संस्थान के सहयोग से किया जायेगा। समन्वयक कवयित्री भगवती पारीक ने बताया कि प्रश्नोतरी कार्यक्रम में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वाले विद्यार्थियों को 1100, 700 और 500 रुपए के नगद पारितोषिक के साथ पुरस्कृत किया जाएगा। पांच विद्यार्थियों को सान्त्वना पुरस्कार भी दिये जायेंगे। समारोह प्रबंधक सरोज शर्मा ने बताया कि उजास आयोजन में बच्चों द्वारा अपनी विभिन्न प्रतिभाओं यथा नृत्य, गायन, एकाभिनय, कविता पाठ आदि भी प्रस्तुत किये जायेंगे।

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