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बीकानेर,राजस्थानी भाषा अत्यंत मीठी, मनभावन, सरल और सहज है । यही कारण है कि प्रवासी राजस्थानियों को भी राजस्थानी भाषा बहुत प्रिय व लोकप्रिय लगती है । पूर्व प्राचार्य, चिंतक व लेखक और डायरेक्टर, प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी ने इटली मूल के राजस्थानी भाषा के विद्वान डॉ.एल.पी.तैस्सितोरी की पुण्यतिथि पर मल्टी स्किल डेवलपमेंट एसोसिएशन द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में व्यक्त किए । इस अवसर पर प्रो.डॉ. बिनानी ने डॉ.तैस्सितोरी को श्रद्धांजलि अर्पित की । उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा इतनी सुमधुर है कि यह प्रवासी राजस्थानियों को भी बहुत सुहाती है । उन्होंने हाल ही में जिला थाना, महाराष्ट्र से दीपावली के शुभ अवसर पर प्राप्त एक राजस्थानी भाषा के शुभकामना संदेश एवं एक शादी समारोह में उपस्थित होने के आमंत्रण पत्र का उदाहरण देते हुए यह बात कही । प्रो.डॉ. बिनानी ने राजस्थानी भाषा में प्राप्त दीपावली शुभकामना संदेश के कुछ अंशों का ऊल्लेख किया । “जोग लिखी थाना से …….. का दीपावली रा प्रणाम/राम राम बंचना , घनेमान । उपरंच अठै दीपावली को त्यौहार भोत आनंद से मनायो है ।……. आप भी दीपावली को त्यौहार आनंद उत्साह से मनायो हुसी” एवं शादी आमंत्रण पत्र संदेश “उपरंच आगे आपने चि. ….. के ब्याव का समाचार दिया था । पाछो स्मरण वास्ते लिख रियो हु कि आपने ……..पधारणो है ……कृपा भाव राखो, बिस्यु सवाई राखोगा जी ।” प्रो.डॉ. बिनानी ने कहा कि यही डॉ.तैस्सितोरी को सच्ची श्रद्धांजलि भी है ।
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