
बीकानेर,राजस्थान महिला कल्याण मंडल , शाखा बीकानेर ने ऑटिज्म जागरूकता सप्ताह मनाया। संस्था के निदेशक राकेश कौशिक के निर्देशानुसार जिला समन्वयक अमित कुमार की देखरेख में अलग अलग क्षेत्रों मे किये गए आयोजन। बाल कल्याण समिति ,किशोर न्याय बोर्ड में ऑटिज्म को समझने व जागरूकता बढ़ाने और समावेशी सोच को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य सहित गतिविधियों पर चर्चा की गई व बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक मे ऑटिज्म से ग्रसित बच्चो के प्रति सहानुभूति और जागरुकता बढ़ाने का संकल्प लिया। इस बैठक मे बाल कल्याण समिति अध्यक्ष महोदय जुगल किशोर व्यास व सदस्य गण,किशोर न्याय बोर्ड से अरविंद सेंगर,किरण गौड़ आदि ने ऑटिज्म को लेकर अपने अपने विचार व्यक्त किये।भारत मे ऑटिज्म के शिकार बच्चों की संख्या में वृद्धि हो रही है व 68 बच्चों के जन्म पर एक बच्चा ऑटिज्म का शिकार होता है । जिला समन्वयक ने बताया कि कई बार माता-पिता को यह पता ही नहीं चल पाता की उनका बच्चा मानसिक तौर पर कमजोर है जब बच्चे को स्कूल भेजा जाता है तब स्कूल के शिक्षक बताते हैं कि बच्चा सामान्य प्रवृत्ति का नहीं है । अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों के जन्म के बाद समय-समय पर प्रवृत्ति को जाँचा जाए ।उम्र के हिसाब से बच्चे का शरीर और दिमाग भी विकसित होना चाहिए ।कई बार बच्चे सामान्य दिखते हैं लेकिन वह ऑटिज्म के शिकार होते हैं ।इस सप्ताह मे संस्था राजस्थान महिला कल्याण मंडल शाखा बीकानेर ने विभिन्न कार्यक्रमों में ऑटिज्म के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समाज में समावेशी सोच विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संस्था के पिंकी जनागल व बाबूलाल ने लोगो को अलग अलग क्षेत्रों मे पम्प्लेट बाँट कर आमजन को जागरूक किया ।