बीकानेर (देहात) अध्यक्ष गणेश चौधरी ने बताया कि प्रबोधकों द्वारा वर्ष 2008 से पूर्व राजकीय उपक्रमों, परियोजना एवं विद्यालयों में की गई अनुबंध/संविदा आधारित सेवाओं को प्रबोधक सेवा में जोड़ा जावे, विभाग द्वारा प्रबोधक भर्ती में न्यूनतम 5 वर्ष सेवा अनुभव की पात्रता अनिवार्य की गई थी तथा उसके पश्चात प्रत्येक 3 वर्ष के अतिरिक्त सेवा अनुभव पर एक वेतन वृद्धि प्रदान की गई थी अर्थात विभाग द्वारा प्रबोधक भर्ती से पूर्व सेवा अनुभव अवधि को वेतन वृद्धि के लिए गणना की गई थी। यदि पूर्व की सेवा अनुभव अवधि नहीं जोड़ी जाती है तो सरकार द्वारा लागू की गई बहुत बड़ी सौगात *पुरानी पेंशन स्कीम (OPS)* से पूर्ण लाभ के स्थान पर आंशिक लाभ ही प्राप्त होगा, क्योंकि अधिकतर प्रबोधक साथी 16 वर्ष से 24 वर्ष तक ही सेवा कर सकेंगे, पूर्ण पेंशन के लाभ के लिए न्यूनतम 25 वर्ष की सेवा अवधि से पहले ही सेवानिवृत हो जाएंगे ।
प्रदेश मंत्री श्रवण पुरोहित ने बताया कि वर्ष 2008 में लगे प्रबोधको/शिक्षकों की *वेतन विसंगति* का निस्तारण कर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा करने वाले प्रबोधक साथियों के साथ न्याय किया जाये ।
जिला प्रवक्ता अरुण गोदारा ने बताया कि गत 16 अगस्त को माननीय शिक्षा मंत्री महोदय को भी प्रबोधकों की ज्वलंत वाजिब मांगों के निस्तारण बाबत ज्ञापन दिया गया था जिसमें प्रतिनिधिमण्डल में जिलाध्यक्ष आदूराम मेघवाल, जिला मंत्री भंवर सांगवा, प्रदेश मंत्री श्रवण पुरोहित, प्रदेश प्रतिनिधि रेवंतराम गोदारा, बीकानेर देहात अध्यक्ष गणेश चौधरी, नगर मंत्री देवेन्द्र जाखड़, देवीलाल बिश्नोई, किशोर सिंह राठौड़, गोविंदराम डोगीवाल, गंगाजल बिश्नोई शामिल थे ।