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बीकानेर,राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रति वर्ष प्रदेश भर में 12 जनवरी से 23 जनवरी के बीच आयोजित होने वाले कर्तव्य बोध पखवाड़ा कार्यक्रम के अन्तर्गत आज “कर्तव्य बोध संगोष्ठी एवं आजादी के अमृत महोत्सव विचार गोष्ठी” का वर्चुअल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में समस्त बीकानेर जिला एवं उपशाखाओं की कार्यकारिणी के साथ साथ अन्य सदस्यों ने भाग लिया।*

*वर्चुअल कर्तव्य बोध पखवाड़ा कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मोहनलाल भादू ने की। मुख्य वक्ता सम्पत सिंह, प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षक संघ), मुख्य अतिथि साहित्यकार,लेखक,केन्द्रीय साहित्य अकादमी दिल्ली के राजस्थानी भाषा सयोजक मधु आचार्य,प्रदेश पर्यवेक्षक पवन जाखड़,मार्गदर्शक के रूप में टेकचंद विभाग संघचालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, का सानिध्य मिला। अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य, प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश विश्नोई,जिलामंत्री नरेन्द्र आचार्य,महिला मंत्री चन्द्रकला भी वचुअर्ल बैठक में उपस्थित रहें।*
*मुख्य अतिथि मधु आचार्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्यार्थी, घर पर माता-पिता की बात नहीं मानता बल्कि अपने गुरूजन की बात ही मानता है। इस प्रकार शिक्षकों का स्थान विद्यार्थियों के जीवन में होता है। अगर शिक्षकों की समाज में और विद्यार्थियों के लिए भूमिका अच्छी रहती है, तो शिक्षार्थी की श्रद्वा भी शिक्षक के प्रति ठीक रहती है और भाव के अनुसार उनके काम की गुणवता में भी फर्क आ जाता है। सभी शिक्षक अगर अपना काम भावनाओं से करेंगे तो निश्चित ही परिणाम सकारात्मक होंगे।*
*मुख्य वक्ता *सम्पत सिंह* प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक संघ👍 (राष्ट्रीय) ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें ध्यान आता है कि आर्यवृत के नाम से सभ्यता विकसित हुई है और उसमें रहने वाले आर्यों ने दुनिया को जीना सिखाया। जीवन मूल्यों का प्रथम आगाज यहां हुआ। चाहे सांस्कृतिक मूल्य हो, चाहे राष्ट्रीय मूल्य हो चाहे मानवीय मूल्य हो, जीवन प्रणाली हो, भले जी जीवन पद्धति हो, भले ही चिकित्सा का क्षेत्र हो, उन सर्वागनिक क्षेत्रों में हमारी इस सनातन संस्कृति के संवाहक जो रहे हमारे महापुरूष, उन्होंने हमारी सारी सृष्टि का मार्गदर्शन किया। इसका उदाहरण अंग्रेजी पुस्तकों में भी उद्रित है।
*सम्पत सिंह* ने आजादी के अमृत महोत्सव के साथ सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम का विद्यालय स्तर पर आयोजन कर 75 करोड़ के लक्ष्य में विद्यार्थियों को जोड़कर अपनी अधिकाधिक भागीदारी निभाने का आव्हान किया।
*मार्गदर्शक के रूप में टेकचन्द बरड़िया* विभाग संघचालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बीकानेर ने कहा कि 75 करोड़ के सूर्य नमस्कार का लक्ष्य साधने, समाज मे जागृति लाने में, आजादी के 75 वर्ष पर राष्ट्र के नायकों के प्रति अपनी कृतज्ञता पर विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के अलावा राष्ट्र के नायकों के संस्मरणों को लेकर विद्यालयों में जानकारी देकर विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास में वर्द्धि कर देश की सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने में शिक्षक समाज की अहम भूमिका हैं।
*बरड़िया* ने कहा कि समाज को अपने अंतिम समय तक देते रहने का भाव प्रत्येक शिक्षक में होना चाहिए । प्राचीन काल से लगाकर वर्तमान काल तक के विभिन्न प्रकार के शिक्षकों का उदाहरण देते हुए आपने बताया कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की अहम भूमिका होती है।

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