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चूरू,  राजस्थान राज्य विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कला एवं संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला को पत्र लिखकर चन्द्र फिल्म्स प्रोडक्शन के बैनर तले बनी राजस्थानी भाषा की फिल्म बावळती को सरकार की ओर से देय अनुदान राशि जारी करने का अनुरोध किया है। राजस्थान राज्य विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कला एवं संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला को पत्र में लिखा है कि फिल्म बावळती को अनुदान दिलाए जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करके अनुग्रहित करें। फिल्म बावळती को वर्ष 2021 में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से यू प्रमाण पत्र मिला हुआ है। अब यह फिल्म राजस्थान सरकार के पास 22 सितंबर 2021 से अनुदान हेतु विचाराधीन है। उल्लेखनीय है कि फिल्म के निर्माता निर्देशक राजेन्द्र सिंह शेखावत ने राजस्थान राज्य विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा को उनके चूरू दौरे के दौरान ज्ञापन देकर फिल्म बावळती को पूरा अनुदान दिलाने की मांग की थी। उस ज्ञापन की मूल प्रतिलिपि के साथ राजस्थान राज्य विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कला एवं संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला को अपना पत्र लिखकर भेजा है। शेखावत ने महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज, चूरू जिला प्रभारी मंत्री बृजेन्द्र ओला को भी फिल्म बावळती को अनुदान राशि जारी करवाने हेतु ज्ञापन दिया था। शेखावत ने बताया कि वे खुद भी जयपुर में मंत्री कल्ला को ज्ञापन देकर अनुदान राशि जारी करने की गुहार लगा चुके हैं। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हनुमान कोठारी भी मंत्री बीडी कल्ला को पत्र लिखकर इस फिल्म को अनुदान राशि जारी करने की मांग कर चुके हैं। वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड के सदस्य एवं चूरू के पूर्व सभापति गोविंद महनसरिया भी मंत्री बीडी कल्ला से अनुदान राशि जारी करने की मांग कर चुके हैं। शेखावत ने बताया कि फिल्म बावळती में महात्मा गांधी से संबंधित पाठ भी पढ़ाया गया है। साथ ही यह फिल्म समाज में व्याप्त विभिन्न कुरीतियों के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है। यह कहानी गांधीवादी विचारधारा के साहित्यकार दुलाराम सहारण को समर्पित की हुई है। इतना सब कुछ होने के बाद भी आज तक इस फिल्म को अनुदान राशि जारी नहीं हुई है। शेखावत ने बताया कि चन्द्र फिल्म्स प्रोडक्शन की पहली फिल्म आपां नै तो बेटी बचाणी है वर्ष 2017 में सिनेमाघरों में यू एफ ओ द्वारा प्रदर्शित हुई थी। तत्कालीन सरकार ने इस फिल्म को उत्कृष्ठ मानते हुए 3 लाख रुपए का अनुदान भी दिया था।

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