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बीकानेर,देश में कांग्रेस विहीन भारत का भाजपा का नारा सही साबित होता ही जा रहा है। आज भारतीय राजनीति में कांग्रेस का वजूद क्षेत्रीय दल के माफिक रह गया है। कांग्रेस में राष्ट्रीय नेतृत्व और पार्टी की स्थिति की देखते हुए निकट भविष्य में कांग्रेस फिर से उभरती दिखाई नहीं दे रही है। कांग्रेस के दीपक की लो अगर कहीं से प्रज्वलित हो सकती है तो मात्र राजस्थान कांग्रेस के प्रयासों उम्मीद की जा सकती है। राजस्थान कांग्रेस ने हर हालत में अपने को साबित किया है।अभी राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश भर में संगठन को सक्रिय और मजबूत करने के लिए जिला कांग्रेस कमेटी के दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षिण शिविर चल रहे हैं। नागोर, बीकानेर जिलों में प्रमुख कांग्रेस कार्यकर्ताओं की प्रदेश कांग्रेस से अनुमोदित सूची के लोगों को प्रशिक्षण निर्धारित प्रारूप के आधार पर दिया जा रहा है। बाकी जिलों में तैयारी चल रही है। चुनावों से पहले इन शिविरों का उद्देश्य स्पष्ट है 2023 में वापस कांग्रेस। साथ ही संगठन में सक्रियता और मजबूती प्रदान करना है । राजस्थान कांग्रेस नेताओं की दूरदृष्टि और नेतृत्व क्षमता इस प्रशिक्षण में झलकती है।

बीकानेर शहर में आयोजित शिविर 120 प्रमुख कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के पहले दिन के मुख्य प्रशिक्षण ने प्रशिक्षण दिया। कैबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कार्यकर्ताओं से कहा कि संगठन मजबूत हो कांग्रेस की रीति नीति और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को हर कार्यकर्ता आत्मसात करें। वैचारिक स्तर पर हम सब एक रहे। सब कार्यकर्ताओं के काम होंगे। किसी का कोई काम हो मुझे अवगत करवाएं। मुख्यमंत्री कृषि बजट में सबकी अर्हताओं को पूरा करेंगे। इन शिविरों में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, जिले से जुड़े सभी मंत्री, विधायक और वरिष्ठ नेतागण भी शामिल हो रहे हैं। इन शिविरों के माध्यम से कांग्रेस का राजस्थान संगठन राष्ट्रीय कांग्रेस को ठोस आधार दे सकता है। बशर्त अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी इसको कितना महत्व देती है। पंजाब, उत्तर प्रदेश और ताजा चुनाव वाले राज्यों में मात खा रही कांग्रेस के लिए राजस्थान ही आशा की किरण बन सकता है।

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