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बीकानेर जिले के कोलायत तहसील के गांव में उचित मूल्य की दुकानों पर गरीबों को मिलने वाले अनाज का मनमर्जी से वितरण करने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सचिव को नोटिस दिया है। दरअसल अनाज की बंदरबांट को लेकर अदालत में एक जनहित याचिका पेश की गई थी जिसमें श्री कोलायत तहसील के फुलासर गांधी रणजीतपुरा बज्जू मिठडिया आदि मैं उचित मूल्य के दुकानदारों ने खाद्य विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों ने गड़बड़ी ,धांधली कर गरीबों को मिलने वाले अनाज की बंदरबांट शुरू कर दी। अनुचित तरीके से अनाज वितरण के मामले में हाईकोर्ट ने बीकानेर प्रशासन को पहले नोटिस दिया था लेकिन इस मामले दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं होने से नाराज हाईकोर्ट ने अब खाद्य सचिव को नोटिस भेज कर मामले में हुई अब तक की कार्यवाही के बारे में रिपोर्ट मांगी है। सहीराम पूनिया द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर कोई कार्यवाही नहीं होने पर अब स्वास्थ्य विभाग के सचिव को जिले के रसद सामग्री के नियमित विवरण के लिए तुरंत कमेटी बनाकर अधिकारियों व कर्मचारियों की जिम्मेवारी करने के आदेश दिए थे। इस बाबत 2013 से 2016 तक इन इलाकों में राशन वितरण की ऑडिट करने के निर्देश दिए थे। इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई तब 2018 में अवमानना अब मानना याचिका दायर की गई थी। खाद्य विभाग द्वारा हाई कोर्ट में पेश शपथ पत्र में भी माना गया है कि इन 3 वर्षों में राशन वितरण के दौरान गड़बड़ी हुई है जांच रिपोर्ट में खाद्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्यवाही के बारे में इस शपथ पत्र में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इसे अदालत ने गंभीर त्रुटि मानते हुए शपथ पत्र को नाकाफी बताया और अधिकारियों की जिम्मेवारी तय करते हुए अदालत को सूचना देने के आदेश दिए हैं।

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