बीकानेर,इससे पहले दिव्या मदेरणा और विधायक कृष्णा पूनिया भी बगावत के सुर बुलंद कर चुकी हैं. ओबीसी आरक्षण विसंगतियों को लेकर राजस्थान सरकार के खिलाफ उनके ही नेता बागी सुर अपनाए हुए हैं.राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के लिए संकट के बादल कम होने का नाम नहीं ले रहे. हर दिन कांग्रेस में ही कलह की सुगबुगाहट शुरू होती है. कभी पार्टी के नेता तो कभी विधायक ही संकट पैदा कर देते हैं. अब अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ ओबीसी आरक्षण विसंगति को लेकर कांग्रेस के जाट विधायक ही बगावत के सुर बुलंद करने लगे. विधायक कृष्णा पूनिया , दिव्या मदेरणा और अब हरीश चौधरी ने बगावत की कमान संभाल ली है. दिव्या मदेरणा भी की थी ट्वीट
ओबीसी आरक्षण विसंगतियों को लेकर जोधपुर के ओसियां से विधायक दिव्या मदेरणा ने तो विधिवत सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया. उन्होंने ट्वीटर पर मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र भी लिखा. दिव्या ने ट्वीट किया कि ओबीसी युवा समझ नहीं पा रहे है कि सरकार के समक्ष ऐसी क्या मजबूरी रही कि दिनांक 09.11.2022 की कैबिनेट बैठक में उक्त मामले को मंजूरी नहीं मिल सकी. जबकि मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ दोनों खुद इसी ओबीसी वर्ग से आते हैं. सरकार तुरंत प्रभाव से परिपत्र दिनांक 17 अप्रैल, 2018 को वापस ले. इतना ही नहीं उन्होंने ब्यूरोक्रेसी पर भी हमला बोला.
दिव्या ने दूसरा ट्वीट किया कि ओबीसी विसंगतियों का शीघ्र समाधान का आश्वासन देने के एक माह से अधिक समय के बाद भी परिपत्र दिनांक 17 अप्रैल, 2018 को वापिस नहीं लेना क्या दर्शाता है? क्या इसमें भी ब्यूरोक्रेसी भारी पड़ रही है? कृष्णा ने भी दिखाए तेवर
चूरू जिले की सादुलपुर विधानसभा सीट से विधायक कृष्णा पूनिया ने ट्वीट करके अपना विरोध जता दिया. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि ओबीसी आरक्षण की विसंगति को दूर करके इसका समाधान निकालें. ओबीसी आरक्षण मुद्दा समूचे किसान वर्ग को पूरी तरह प्रभावित करता है. मुझे विश्वास है कि आप इसका समाधान जरूर करेंगे. यह महज बस ट्वीट नहीं है बल्कि इसे विरोध के रूप में देखा जा रहा है. जबकि कुछ दिन पहले तक कृष्णा को गहलोत के समर्थक के रूप में देखा जा रहा था. अब इस तरह के ट्वीट को लोग गंभीरता से ले रहे हैं.हरीश ने भी छेड़ी लड़ाई
बाड़मेर जिले के बायतु से विधायक और कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी ने भी सोशल मीडिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस के द्वारा अपना विरोध जारी रखा. उन्होंने ट्वीट किया कि ओबीसी आरक्षण विसंगति मामले को कल कैबिनेट बैठक में रखने के बावजूद एक विचारधारा विशेष के द्वारा इसका विरोध चौंकाने वाला है. उन्होंने आगे लिखा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मैं स्तब्ध हूं आखिर क्या चाहते हैं आप? मैं ओबीसी वर्ग को विश्वास दिलाता हूं कि इस मामले को लेकर जो लड़ाई लड़नी पड़ेगी लड़ूंगा. ये तो बस तीन ऐसे जाट विधायक हैं जो मुखर हो चले हैं, बाकी लंबी लिस्ट है. धीरे-धीरे आने वाले दिनों में ओबीसी आरक्षण विसंगतियों के नाम पर अशोक गहलोत की सरकार को चौतरफा घेरने की तैयारी है.