सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को दो सप्ताह के भीतर मुआवजा देने का निर्देश दिया है।जस्टिस एमआर शाह और सुधांशु धूलिया की पीठ ने राजस्थान सरकार को आदेश दिया कि अनुग्रह राशि का आवेदन खारिज करने के संबंध में वह राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को दो सप्ताह के भीतर विवरण उपलब्ध कराए। पीठ ने राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को इन आवेदनों पर विचार करने तथा इसके बाद चार सप्ताह के भीतर उचित निर्णय लेने को कहा।
राजस्थान सरकार ने कोर्ट को बताया, 191 बच्चों को दी अनुग्रह राशि
शीर्ष अदालत ने कहा कि जहां तक अनाथ बच्चों को मुआवजा देने के लिए लंबित आवेदनों का संबंध है, तो हम राज्य सरकार को बाकी आवेदनकर्ताओं को दो सप्ताह के भीतर भुगतान करने का निर्देश देते हैं। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि कोरोना के कारण अनाथ हुए कुल 718 बच्चों में से 191 बच्चों को अनुग्रह राशि दी गई है। आत्महत्या करने वाले लोगों के मुद्दे पर राज्य सरकार के अधिवक्ता ने पीठ को बताया कि जिला स्तर पर 9,077 आवेदन मिले। इनमें से 551 आवेदन लंबित हैं। 8,047 आवेदन मंजूर कर लिए गए और 479 खारिज कर दिए गए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के कारण जान गंवाने वाले लोगों के स्वजन को मुआवजा देने पर उठाए कदमों के सिलसिले में राजस्थान सरकार के हलफनामे को ‘असंतोषजनक” करार दिया था।शीर्ष अदालत ने 50 हजार रुपये मुआवजा देने का दिया निर्देश
राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह कोई खैरात नहीं बांट रही है। सुप्रीम कोर्ट वकील गौरव कुमार बंसल की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसमें आरोप लगाया गया है कि राजस्थान सरकार महामारी के कारण मारे गए लोगों के स्वजन को 50 हजार रुपये मुआवजा देने के 2021 के आदेश का पालन नहीं कर रही है। इसके साथ ही बंसल ने अनुरोध किया है कि सुप्रीम कोर्ट राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दे कि उसके (अदालत) आदेशों का पालन हो रहा है या नहीं?